बस्तर, 16 जुलाई: छत्तीसगढ़ में सोमवार को धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को आरक्षित जनजाति की सूची से बाहर करने की मांग को लेकर पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के नेतृत्व में शहर में रैली का आयोजन हुआ है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी सांसद दिनेश कश्यप ने सोमवार को कहा 'जो लोग धर्म परिवर्तन, जाति परिवर्तन करते हैं उनको आरक्षण और सरकार की अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए। ' हालांकि उन्होंने यह साफ़ किया कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है। बताया जा रहा है कि इस रैली में हजारों आदिवासियों के शामिल होने की संभावना है।
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आरक्षण को लेकर यह बीजेपी के नेताओं का पहला बयान नहीं है इससे पहले बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले ने आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के जज कह रहे हैं भारत का लोकतंत्र खतरे में है, कभी कहा जा रहा है कि हम भारत संविधान को बदलने के लिए आए हैं, कभी कहा जा रहा है की हम आरक्षण को समाप्त करेंगे। संविधान की समीक्षा करेंगें। बीजेपी संसद ने आगे कहा था कि भारत के संविधान की समीक्षा करेंगे, भारत के आरक्षण को ऐसे समाप्त करेंगे कि इसका रहना ना रहना एक बराबर होगा, तो अगर भारत का संविधान से आरक्षण खत्म हो जाएगा तो देश का बहुजन समाज ही नहीं पूरे देश के लोगों के अधिकार खत्म हो जाएंगे।
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यही नहीं बल्कि सावित्री बाई फुले ने 1अप्रैल को लखनऊ में आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन भी किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि आरक्षण कोई सरकार के द्वारा दी भीख नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है। आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया गया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी। उन्होंने मीडिया को बताया था कि हम अपने अधिकारों के लिए अपना पूरा जीवन दांव पर लगा सकते हैं। भारत का संविधान सही तरीके से लागू नहीं है। हम बहुजन लोगों को अब समानता का अधिकार नहीं दिया गया है।
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