Chhatrapati Sambhajinagar: धार्मिक नेता रामगिरि महाराज ने कहा है कि भारत का राष्ट्रगान ‘वंदे मातरम’ होना चाहिए। रवींद्रनाथ टैगोर ने ‘जन गण मन’ मूल रूप से बंगाली में लिखा था। संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को इसके हिंदी संस्करण को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था। रामगिरि महाराज ने मंगलवार को महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर में दावा किया, ‘‘ यह गीत रवींद्रनाथ टैगोर ने 1911 में कोलकाता में गाया था। उस समय देश स्वतंत्र नहीं था। उन्होंने इसे तत्कालीन ब्रिटिश सम्राट जॉर्ज पंचम के सामने गाया था, जो भारत में अन्याय कर रहे थे।
यह गीत देश को संबोधित नहीं था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमें इसके लिए (वंदे मातरम को राष्ट्रगान बनाने के लिए) संघर्ष शुरू करना होगा। वंदे मातरम हमारा राष्ट्रगान होना चाहिए।’’ बाद में जब पत्रकारों ने उनसे इस विवादास्पद टिप्पणी के बारे में पूछा तो रामगिरि महाराज ने कहा कि यह सम्मान या अनादर की बात नहीं है बल्कि सच बोलने की बात है।
उन्होंने कहा,‘‘ अगर सच बोलने को अनादर कहा जा रहा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’ रामगिरि की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(एसपी) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा, ‘‘ अब समय आ गया है कि रामगिरि को जूते से पीटा जाए। अब उन्हें ‘जन गण मन’ पर भी आपत्ति है।
तो उन्हें ('जन गण मन' पर) प्रतिबंध की मांग करनी चाहिए। अब अति हो गई है।’’ धार्मिक नेता ने पिछले साल पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के बारे में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया था जिसके बाद महाराष्ट्र में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे।