अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने आखिरकार तीन महीने के बाद भारत के चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर का पता लगाने में कामयाब हो गई। मंगलावार को नासा ने दावा करते हुए उसकी एक तस्वीर साझा की है। चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर की खोज करने वाले चेन्नई के एक आईटी पेशेवर शनमुगा सुब्रमण्यम है।
डीएनए इंडिया में छपी एक रिपोर्ट में नासा की विज्ञप्ति के मुताबिक 33 साल के शनमुगा सुब्रमण्यम ने विक्रम लैंडर सबसे पहले पता लगाया। नासा ने कहा कि शनमुगा सुब्रमण्यनम ने एलआरओ परियोजना से संपर्क किया और मुख्य दुर्घटनास्थल से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में पहले टुकड़े की पहचान की।
समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से शनमुगा सुब्रमण्यम ने बताया कि मेरे दो तस्वीरें थीं, एक तस्वीर पुरानी थी और दूसरी तस्वीर नई थी, जो नासा द्वारा जारी की गई थी। इसके बाद मेरे पास दो लैपटॉप पर उन दो तस्वीरों की एक साथ-साथ तुलना थी। सुब्रमणियन ने यह भी कहा कि उन्हें ट्विटर और रेडिट पर अन्य यूजर्स ने मदद भी की थी।
जानें कौन है शनमुगा सुब्रमण्यम
शनमुगा मदुरई के रहने वाले हैं और वह इंजीनियरिंग कंपनी लेनोक्स इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर में टेक्निकल आर्टिटेक के रूप में काम करते है। इससे पहले, वह कॉग्निजेंट के साथ एक प्रोग्राम एनालिस्ट के रूप में काम कर रहे थे। शनगुमा सुब्रमण्यम ने चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर को लेकर 3 अक्टूबर को ट्विट किया था। इसके ठीक तीन महीने बाद आखिरकार सुब्रमण्यम अपने कार्यों में सफल रहें और उन्होंने चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर का पता लगा लिया।
मालूम हो कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की कोशिश नाकाम रही थी और विक्रम लैंडर का लैंडिंग से चंद मिनट पहले जमीनी केंद्रों से सम्पर्क टूट गया था।
नासा ने चंद्रमा पर भारत के महत्वकांक्षी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का मलबा मिलने का दावा करते हुए उसकी एक तस्वीर साझा की है। नासा ने अपने ‘लूनर रिकॉनसन्स ऑर्बिटर’ (एलआरओ) से ली गई तस्वीर में अंतरिक्ष यान से प्रभावित स्थल को और उस स्थान को दिखाया है जहां मलबा हो सकता है। लैंडर के हिस्से कई किलोमीटर तक लगभग दो दर्जन स्थानों पर बिखरे हुए हैं।