राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपियों के खिलाफ 25 अगस्त तक आरोप तय नहीं किये जाएंगे। मामले में विशेष एनआईए अदालत में 23 अगस्त को आरोप तय किये जाने थे, लेकिन आरोपियों के वकील ने उच्च न्यायालय में कहा है कि उन्हें अभी तक अभियोजन पक्ष से कुछ अहम दस्तावेज नहीं मिले हैं। कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता युग चौधरी ने अदालत से कहा कि उन्हें और अन्य आरोपियों को एनआईए के मसौदा आरोपों की प्रति अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि विशेष अदालत ने अभी तक आरोपियों के कुछ आवेदनों पर विचार नहीं किया है। एनआईए के वकील संदेश पाटिल ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की पीठ से कहा कि केंद्रीय एजेंसी बुधवार तक आरोप तय नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम (विशेष अदालत से) स्थगन का अनुरोध करेंगे। यह अदालत (उच्च न्यायालय) मामले में बुधवार को सुनवाई कर सकती है और तब तक हम आरोप तय नहीं करेंगे। इस बीच हम चौधरी के मुवक्किल को संबंधित दस्तावेज भी मुहैया कराएंगे।’’ एनआईए ने नौ अगस्त को 15 आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में मसौदा आरोप दाखिल किये थे। इनमें करीब 20 आरोप भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज किये गये हैं। मसौदा आरोप दाखिल किये जाने के बाद अदालत हर बिंदु पर आरोपी का पक्ष सुनती है और आरोप तय करती है जिसके बाद सुनवाई शुरू होती है।
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