आंध्र प्रदेश में स्थित श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-2 ने लॉन्चिंग के 29 दिन बाद मंगलवार (20 अगस्त) को सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर चांद की कक्षा में प्रवेश किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक, चंद्रयान-2 पर लगे दो मोटरों को सक्रिय करने से यह स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया है। मंगलवार सुबह 11 बजे इसरो चेयरमैन के सिवन प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी जानकारी देंगे। इस प्रक्रिया के बाद भारत को अंतरिक्ष में एक बार फिर एक नई उपलब्धि मिली है।
इसके बाद यान को चंद्रमा की सतह से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर से गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा में पहुंचाने के लिए चार और कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया है। इसके बाद 2 सितंबर को लैंडर 'विक्रम' ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर 'साॉफ्ट लैंडिंग' कराने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। 22 जुलाई को प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था।
बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं।