सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक से इनकार, कहा- अभी मामले में जल्दबाजी की जरूरत नहीं
By विनीत कुमार | Published: April 30, 2020 01:22 PM2020-04-30T13:22:37+5:302020-04-30T13:34:46+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अभी कोरोना के संकट के बीच कोई सेंट्रल विस्टा योजना पर कुछ करने नहीं जा रहा है। इसलिए जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसी ही एक याचिका पहले से कोर्ट में है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की प्रस्तावित सेंट्रल विस्टा योजना पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस परियोजना को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया। करीब 20 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार की योजना दिल्ली के लुटियन जोन में नया संसद भवन सहित अन्य केंद्र सरकार से जुड़े अन्य अहम कार्यालयों में बदलाव की है।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा, 'इस प्रोजेक्ट के खिलाफ ऐसी ही एक याचिका कोर्ट में लंबित है। कोविड-19 परिस्थिति के समय कोई भी अभी कुछ करने नहीं जा रहा है और इसलिए इसमें कोई जल्दबाजी की बात नहीं है।' बता दें कि इस मामले में राजीव सूरी पहले ही एक याचिका दायर कर चुके हैं जो अभी कोर्ट में लंबित है।
Central Vista matter: Superme Court today refused to stay the Central vista project, after hearing a petition challenging the Centre's decision to notify a change in land use regarding the redevelopment plan. pic.twitter.com/L6aQBc5cC0
— ANI (@ANI) April 30, 2020
बता दें कि केंद्र सरकार ने लुटियंस दिल्ली में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास को क्रियान्वित करने के लिये 20 मार्च, 2020 को भूमि उपयोग परिवर्तन मंजूर करने की अधिसूचना जारी की थी। याचिकाकर्ता का तर्क है कि ये अनुच्छेद 21 के तहत एक नागरिक के जीने के अधिकार के विस्तारित संस्करण का उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता के अनुसार ये परियोजना लोगों को खुले और ग्रीन स्पेस के आनंद से वंचित कर देगी। वहीं, इस मामले में सरकार की ओर से सुनवाई में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'संसद बनाया जा रहा है...इससे किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए।'
बहरहाल, इस मामले में चीफ जस्टिस बोबडे सहित जस्टिस अनुरुद्ध बोस की दो जजों की बेंच ने सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की। बताते चलें कि हाल में सोनिया गांधी सहित कुछ और विपक्षी नेताओं ने ये बात कही थी कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को इस योजना को टाल देना चाहिए। विपक्षी नेताओं के अनुसार परियोजना से जुड़े पैसे का इस्तेमाल मौजूदा संकट से निपटने में किया जाना चाहिए।