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गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 9 प्रोफसरों को जारी किया कारण बताओ नोटिस

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: April 28, 2018 11:33 IST

एबीवीपी के लेटरहेड पर की गयी शिकायत में आरोप लगाया है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात को कुछ टीचर दूसरा जेएनयू बना रहे हैं।

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गुजरात की सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयूजी) ने नौ फैकल्टी सदस्यों को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विरोधी प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सीयूजी ने कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर, निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ गुजरात विधान सभा चुनाव के दौरान प्रचार करने वाले इन फैकल्टी सदस्यों को कारण बताओ नोटिस भेजा है। रिपोर्ट के अनुसार ये स्पष्ट नहीं है कि जिन प्रोफसरों को ये कारण बताओ नोटिस दिया गया है वो सचमुच कांग्रेस के कार्यक्रम में गये थे या नहीं। यूनिवर्सिटी ने एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर और सात असिस्टेंट प्रोफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के लेटरहेड पर बिना किसी के दस्तखत के की गयी शिकायत पर ये कारण बताओ नोटिस जारी की गयी। लेटर पर लिखा है, "सीयूजी के एबीवीपी के छात्रों की तरफ से" भेजा गया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छात्र संगठन एबीवीपी के गुजरात सेंट्रल यूनिवर्सिटी और गुजरात राज्य के पदाधिकारियों ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ऐसा कोई शिकायत करने से इनकार किया।

इस शिकायत को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर को सम्बोधित करके भेजा गया है। शिकायत में दावा किया गया है कि उनके पास अपने आरोप के समर्थन में "दस्तावेजी सबूत" हैं। शिकायत के संग एक तस्वीर भेजी गयी है और दावा किया गया है कि वो तस्वीर अहमदाबाद में हुए एक कार्यक्रम की है जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए थे। दो अन्य तस्वीरों भेजी गयी है जिनमें से एक में एक प्रोफेसर राहुल गांधी के संग बैठे दिख रहे हैं। तीनों तस्वीरों पर कोई भी तारीख नहीं दी गयी है। तस्वीरों पर तीर से निशान बनाकर यूनिवर्सिटी टीचरों का नाम लिखा गया है। शिकायत 17 नवंबर 2017 को की गयी थी जबकि कांग्रेस की नवसृजन ज्ञान अधिकार सभा 24 नवंबर 2017 को आयोजित हुई थी। 

शिकायत में आरोप लगाया है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात को कुछ टीचर दूसरा जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) बना रहे हैं। सीयूजी के वाइस-चांसलर सैय्यद अब्दुल बारी ने इंडियन एक्सप्रेस से इस बा की पुष्टि की कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर विश्वविद्यालय ने कारण बताओ नोटिस जारी की है। वीसी अब्दुल बारी ने कहा कि वो टीचरों के एवज में एचआरडी मंत्रालय को जवाब नहीं भेज सकते थे इसलिए उन्होंने टीचरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

यूनिवर्सटी ने सभी प्रोफेसरों से पूछा है कि उनका कार्यक्रम में शामिल होना सेंट्रल सिविल सर्विसेज (कंडक्ट) रूल्स का उल्लंघन है। इंडियन एक्सप्रेस ने नोटिस पाने वाले प्रोफसेरों से सम्पर्क  किया तो उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने से इनकार कर दिया। हालाँकि सूत्रों के हवाले से अखबार ने दावा किया है कि सभी प्रोफेसरों ने शुक्रवार (27 अप्रैल) तक अपना जवाब यूनिवर्सिटी को दे दिया था।

टॅग्स :गुजरातजवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू)
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