पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने बिहार को सहयोग करना छोड़ दिया है। लगातार बिहार के साथ पक्षपात किया जाता है। पहले केंद्रीय योजना में ज्यादा अंश केंद्र देता था, लेकिन अब इसे घटा दिया गया है।
तेजस्वी ने देश की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करते हुए कहा कि आप सीमा का हाल देख सकते हैं। केंद्र सरकार किसी भी काम को सही तरीके से नहीं का रही है। केंद्र सरकार किसी भी काम को सही तरीके से नहीं कर रही है। तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार को देश की हालत पर गंभीरता से एक रणनीति बनानी चाहिए।
वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा बिहार को लेकर संसद में की गई अपमानजनक टिप्पणी पर तेजस्वी यादव ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को माफी मांगनी चाहिए। ऐसे पदों पर बैठे लोग कैसी कैसी बातें करते हैं। इससे पता चल रहा है कि केंद्र में बैठे लोगों के मन में बिहार के प्रति कितनी घृणा भरी हुई है।
बिहार ज्ञान की धरती रही है और संवैधानिक पद पर बैठे लोग बिहार के बारे में कैसी-कैसी बात करते हैं। लगातार बिहार के साथ पक्षपात किया जाता है। इसके अलावा कोरोना के खतरे पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है और किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। हम लोग लगातार समीक्षा कर रहे हैं और लगातार टेस्ट बढ़ाए जा रहे हैं।
खासकर पीसीआर टेस्ट बढ़ाए जाने का निर्देश दिया गया है। वहीं बिहार के नए डीजीपी आरएस भट्टी को शुभकामनाएं देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उम्मीद करते हैं कि वह बिहार की कानून व्यवस्था को बेहतर करेंगे। अभी वो बीएसएफ से आए हैं, ऐसे में पूरी उम्मीद है कि आरएस भट्टी लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखेंगे।
दरअसल, आज यानी गुरुवार को डीजीपी आरएस भट्टी सीधा तेजस्वी यादव से मिलने राबड़ी आवास पहुंचे थे। यूं तो इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है। पर दोनो की मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। इससे पहले पदभार लेने के बाद आरएस भट्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास जाकर मुलाकात की थी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य मनोज झा पर की गई अपनी उस टिप्पणी को वापस ले लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर इनका वश चले तो ‘‘देश को बिहार’’ बना देंगे। झा ने गोयल की ‘‘अपमानजक’’ टिप्पणी के बारे में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को बुधवार को एक पत्र भी लिखा था।
बृहस्पतिवार को उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर झा ने यह मुद्दा उठाया और गोयल से माफी की मांग की। जनता दल (यूनाइटेड) के रामनाथ ठाकुर और कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह ने भी गोयल द्वारा बिहार के खिलाफ की गई टिप्पणी का मामला उठाया और इसे बिहार का अपमान बताते हुए उनसे माफी की मांग की।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी यह मुद्दा उठाया और कहा कि उन्होंने बिहार व राज्य की जनता का अपमान किया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री और सदन के नेता गोयल ने कहा कि अगर उनकी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है तो वह अपना बयान तत्काल वापस लेते हैं। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही गोयल ने कहा कि उनका इरादा बिहार और वहां की जनता का अपमान करना कतई नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बिहार या बिहार की जनता का अपमान करने का कतई इरादा नहीं था। अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो मैं तत्काल अपना बयान वापस लेता हूं। यह किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं थी।’’ गोयल के बयान के बाद भी विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा। ज्ञात हो कि गोयल ने यह टिप्पणी मंगलवार को उस समय की जब राजद सदस्य मनोज झा अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे।
झा ने कहा कि सरकार को गरीबों और औद्योगिक घरानों पर समान रूप से ध्यान देना चाहिए। इस पर गोयल ने जवाब दिया, ‘‘इनका वश चले तो देश को बिहार बना दें।’’ इससे पहले, राजद, जद(यू) कांग्रेस, झाखंड मुक्ति मोर्चा, शिव सेना के बिहार के सांसदों ने गोयल की टिप्पणी के खिलाफ संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट प्रदर्शन किया और उनसे माफी की मांग की। जद(यू) नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि गोयल की टिप्पणी से बिहार की जनता आहत हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘गोयल को अपने शब्द वापस लेने चाहिए और वह बिहार की जनता से माफी मांगे।’’