केंद्र सरकार इस साल के अंत तक नए आपराधिक कानून को लाने की तैयारी में, योजना पर हो रहा काम: सूत्र

By अंजली चौहान | Published: August 21, 2023 11:28 AM2023-08-21T11:28:45+5:302023-08-21T11:32:52+5:30

भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व पुलिस अधिकारी बृज लाल गृह मामलों की स्थायी समिति का नेतृत्व कर रहे हैं जो प्रस्तावित कानूनों की जांच करेगी।

Central government preparing to bring new criminal law by the end of this year work on plan Sources | केंद्र सरकार इस साल के अंत तक नए आपराधिक कानून को लाने की तैयारी में, योजना पर हो रहा काम: सूत्र

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlightsदेश में जल्द लागू हो सकते है नए आपराधिक बिल कानूनों की जांच के लिए समिति का गठन सूत्रों के अनुसार, इस साल के अंत तक आएगा कानून

नई दिल्ली: केंद्र सरकार इस साल के अंत तक आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन विधेयकों के माध्यम से देश को नए आपराधिक कानून मिल सकती हैं।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कानून की जांच करने वाली समिति जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट सौंपने की कोशिश कर रही है। सूत्रों ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र, जो आमतौर पर दिसंबर में शुरू और समाप्त होता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इन विधेयकों को शीतकालीन सत्र में ही चर्चा के बाद संसद में पारित कराने की कोशिश करेगी। 

गौरतलब है कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन प्रस्तावित कानूनों को जांच के लिए गृह मामलों की स्थायी समिति के पास भेज दिया और तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है। 

जानकारी के अनुसार, इन विधेयकों पर चर्चा के लिए 24 अगस्त को स्थायी समिति की बैठक बुलाई गई है। एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहना है कि प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए बैठकें लगातार होंगी।

उन्होंने कहा कि बाद में दैनिक बैठकों पर भी विचार किया जा सकता है। इस कमेटी की अध्यक्षता बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व पुलिस अधिकारी बृजलाल कर रहे हैं. सांसद ने 2011-12 के बीच यूपी पुलिस प्रमुख के रूप में कार्य किया।

मालूम हो कि ये नए विधेयक 11 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था जिसमें उन्होंने भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक को पेश किया था।

यह विधेयक एक बार पारित होने के बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।

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