केंद्र की सरकार ने यूपीए सरकार की तुलना में मिजोरम के लिए कोष का दुगुना आवंटन कियाः शाह

By भाषा | Published: October 5, 2019 05:25 PM2019-10-05T17:25:39+5:302019-10-05T17:25:39+5:30

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘‘संप्रग सरकार ने 13वें वित्त आयोग के माध्यम से मिजोरम के लिये 19,900 करोड़ रुपये का आवंटन किया था लेकिन मोदी सरकार 14वें वित्त आयोग के माध्यम से 42,970 करोड़ रुपये का आवंटन कर चुकी है।’’

Central government allocates twice as much fund for Mizoram than UPA government: Shah | केंद्र की सरकार ने यूपीए सरकार की तुलना में मिजोरम के लिए कोष का दुगुना आवंटन कियाः शाह

इस खूबसूरत राज्य को विकसित, समृद्ध तथा और मनोरम बनाने के लिये हर संभव प्रयास किया जायेगा।

Highlightsगृह मंत्री बनने के बाद शाह की राज्य की यह पहली यात्रा है। शाह एनईसी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जोरामथंगा को राज्य के विकास की दिशा में काम करने का आश्वासन दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार ने संप्रग सरकार की तुलना में मिजोरम में विकास परियोजनाओं के लिये कोष का दुगुना आवंटन किया है।

शाह ने राजधानी आइजोल में पूर्वोत्तर हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जिसका आयोजन पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) ने किया था। उन्होंने कहा, ‘‘संप्रग सरकार ने 13वें वित्त आयोग के माध्यम से मिजोरम के लिये 19,900 करोड़ रुपये का आवंटन किया था लेकिन मोदी सरकार 14वें वित्त आयोग के माध्यम से 42,970 करोड़ रुपये का आवंटन कर चुकी है।’’

गृह मंत्री बनने के बाद शाह की राज्य की यह पहली यात्रा है। शाह एनईसी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जोरामथंगा को राज्य के विकास की दिशा में काम करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अगर देश में सबसे अशांत राज्य मिजोरम सबसे अधिक शांतिपूर्ण राज्य बन सकता है तो यह देश में सबसे अधिक विकसित राज्य भी बन सकता है।

राज्य 1966 से करीब दो दशक लंबे विद्रोह का गवाह रहा है जो 1986 में भारत सरकार और मिजो नेशनल फ्रंट के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद खत्म हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री को यह भी वादा किया कि वह ‘‘इस खूबसूरत राज्य को विकसित, समृद्ध तथा और मनोरम बनाने के लिये हर संभव प्रयास किया जायेगा।’’

उन्होंने कहा कि राज्य में बांस के उत्पादन की काफी संभावनाएं हैं और इसके निवासी हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्माण और बिक्री कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में बांस की विशाल संपदा का हस्तशिल्प वस्तुओं के विकास में इस्तेमाल किया जा सकता है। बांस से बने उत्पादों के निर्माण एवं बिक्री से आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है।’’ जोरामथंगा ने उम्मीद जतायी कि केंद्र की मदद से मिजोरम देश में सर्वोच्च सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को हासिल करेगा क्योंकि इसमें विकास की असीम संभावनाएं हैं।

राज्य में प्रमुख सिविल सोसाइटी संगठनों और छात्र संस्थाओं की संगठन शक्तिशाली एनजीओ कोऑर्डिनेशन कमिटी ने शाह की यात्रा के दौरान काले शॉल पहनकर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला टाल दिया, हालांकि कुछ संगठनों ने तख्तियां दिखाकर विरोध जताया। विरोध करने वाले संगठनों में शामिल मिजोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (एमपीसी) और पीपुल्स राइट टू आइडेंटीफाई एंड स्टेटस ऑफ मिजोरम (पीआरआईएसएम) ने वनापा हॉल के बाहर इकट्ठा होकर नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध किया।

काली ल पहने कुछ लोग सरकारी माध्यमिक स्कूल के खेल के मैदान के पास नजर आये जिन्हें पुलिस ने हटा दिया। इसी खेल के मैदान में पूर्वोत्तर हथकरघा एवं हस्तशिल्प प्रदर्शनी का आयोजन हुआ था। लोकसभा ने आठ जनवरी 2019 को नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किया है लेकिन इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सका।

विधेयक में 12 साल की बजाय भारत में सात साल रह चुके पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्ध, जैन, ईसाइयों और पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है और इसके लिये उन्हें कोई दस्तावेज भी नहीं देना होगा।

वर्तमान में इसके लिये भारत में 12 साल प्रवास का प्रावधान है। प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद शाह जोरामथंगा से मुलाकात करने वाले हैं और इसके बाद वह नागरिका (संशोधन) विधेयक पर एनजीओ कोऑर्डिनेशन कमिटी के नेताओं को संबोधित करेंगे। 

Web Title: Central government allocates twice as much fund for Mizoram than UPA government: Shah

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