NEET Paper Leak: लाखों युवाओं द्वारा दिया जाने वाला एग्जाम नीट और नेट यूजीसी की परीक्षाओं में कथित गड़बड़ी का मामला बढ़ता ही जा रहा है। केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार उठ रहे सवालों के बीच सरकार ने एनटीए के महानिदेशक को पद से हटा दिया है। सुबोध कुमार सिंह को हटाए जाने के बाद प्रदीप सिंह खरोला को यह जिम्मेदारी दी गई है।
शनिवार को एक बयान में, कार्मिक मंत्रालय ने घोषणा की कि NTA के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी प्रदीप सिंह खरोला द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। खरोला भारत व्यापार संवर्धन संगठन के अध्यक्ष और प्रबंध संपादक हैं और उन्हें "नियमित पद पर नियुक्ति होने तक या अगले आदेश तक" NTA के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
यह कदम सरकार द्वारा एक समिति गठित करने के कुछ घंटों बाद आया है जो एजेंसी के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए सिफारिशें देगी और एक दिन पहले लगभग 1,500 छात्रों को NEET-UG के लिए ग्रेस मार्क्स दिए गए थे जिन्हें फिर से परीक्षा देनी थी।
गौरतलब है कि 25 जून से 27 जून तक होने वाली सीएसआईआर यूजीसी नेट परीक्षा को भी शुक्रवार को "लॉजिस्टिक कारणों" से स्थगित करना पड़ा और रविवार को होने वाली एनईईटी-पीजी परीक्षा को शनिवार देर रात पुनर्निर्धारित किया गया।
जानकारी के अनुसार, सरकार ने शनिवार को एनईईटी-यूजी परीक्षा में पेपर लीक सहित कथित अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंप दी। एजेंसी कथित लीक की भी जांच कर रही है, जिसके कारण यूजीसी नेट परीक्षा रद्द कर दी गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में लीक के बार-बार लगने वाले आरोपों और छात्रों को होने वाली असुविधा के साथ-साथ उनके बीच बढ़ते गुस्से ने श्री सिंह की स्थिति को कमजोर कर दिया था। एनटीए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की प्रतिकूल टिप्पणियों के साथ-साथ फिर से उठ खड़े हुए विपक्ष के दबाव ने भी परीक्षा निकाय प्रमुख को हटाने के फैसले में भूमिका निभाई। यह कदम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी में किए गए सुधार के वादे का भी हिस्सा है, जिसके बारे में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी बात की है।
सूत्रों ने बताया कि हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधान से कार्रवाई करने को कहा था और अब कार्रवाई शुरू हो गई है। दोषियों को सजा देना उन्होंने कहा कि अब सरकार की प्राथमिकता कथित पेपर लीक की तह तक पहुंचना और दोषियों को सजा दिलाना है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एनटीए कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें नीट और जेईई शामिल हैं, जिनमें लाखों छात्र शामिल होते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में पेपर लीक की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट भी इस मुद्दे पर याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई करने वाला है। इससे पहले शनिवार को सरकार ने एनटीए के कामकाज में सुधार के तरीकों पर विचार करने के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति का नेतृत्व इसरो के पूर्व प्रमुख और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के वर्तमान अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन करेंगे और एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया इसके सदस्यों में से एक होंगे।