नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2019 में कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जांच करने वाले तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी राकेश बलवाल को जम्मू-कश्मीर से मणिपुर भेजा है। बताया जा रहा है कि केंद्र ने मणिपुर में भड़की ताजा हिंसा पर काबू पाने के लिए आईपीएस अधिकारी राकेश बलवाल की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर से मणिपुर की है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार 2012 बैच के आईपीएस राकेश बलवाल इस समय श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्हें साल 2021 के अंत में बतौर एसएसपी श्रीनगर तैनात किया गया था। केंद्र की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है, "कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आईपीएस राकेश बलवाल को एजीएमयूटी कैडर से मणिपुर कैडर में समय से पहले वापस भेजने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।"
आईपीएस राकेश बलवाल श्रीनगर एसएसपी के रूप में कार्यभार संभालने से पहले पुलिस अधीक्षक के रूप में साढ़े तीन साल तक एनआईए में प्रतिनियुक्ति पर रहे थे और उस टीम के सदस्य थे, जिसने 2019 पुलवामा आतंकी हमले की जांच की थी। जिस हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की जान चली गई थी।
जहां तक मणिपुर हिंसा का सवाल है तो बीते 3 मई को भड़की जातीय हिंसा में अभी तक 180 से अधिक लोग मारे गए हैं और कई सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं। मणिपुर में हिंसा उस वक्त भड़की, जब बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में कूकी समुदाय ने 'आदिवासी एकजुटता मार्च' का आयोजन किया था।
अगर मणिपुर के ताजा हालात की बात करें तो गुरुवार तड़के तक सूबे के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी रहा और भीड़ ने इंफाल पश्चिम में डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय में तोड़फोड़ की। वहीं बुधवार की रात में हिसक प्रदर्शनकारियों ने उरीपोक, यिस्कुल, सागोलबंद और तेरा इलाकों में सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया। जिसके बाद पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।