नई दिल्ली: कोरोना महामारी की वजह से रद्द हुई 12वीं परीक्षा के बाद छात्रों का मूल्यांकन कैसे किया जाए, इसे लेकर सीबीएसई आज सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देगी। सुप्रीम कोर्ट ने 3 जून को दो हफ्तों में सीबीएसई और काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) से अपनी योजना साझा करने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट दरअसल सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड के कक्षा 12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने की मांग को लेकर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। हालांकि, मामले में आखिर सुनवाई से पहले ही दोनों बोर्ड ने परीक्षा रद्द करने की घोषणा कर दी थी।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में ये भी साफ कर दिया था कि मूल्यांकन संबंधी योजना बताने के लिए दिए गए दो हफ्तों के समय में और बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। 12वीं बोर्ड के बाद अब भारत और विदेशों के कॉलेजों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में नतीजे जारी करने में देरी से छात्रो को नुकसान हो सकता है।
सीबीएसई ने परीक्षा रद्द होने के बाद चार जून को 13 सदस्यीय समिति का गठन किया था और रिपोर्ट सौंपने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था। हालांकि 14 जून को ये बात सामने आई कि अभी कुछ और दिन रिपोर्ट देने में लगेंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का निर्णय एक जून को लिया था और प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह निर्णय छात्रों के हित के मद्देनजर लिया गया है।
सीबीएसई और CISCE के नतीजे कब तक?
सूत्रों के अनुसार सीबीएसई का पैनल मार्किंग क्राइटेरिया के लिए 30:30:40 फॉर्मूला के पक्ष में है। इसमें 10वीं और 11वीं कक्षा के फाइनल रिजल्ट को 30 प्रतिशत वेटेज देने और 12वीं कक्षा की प्री बोर्ड परीक्षा को 40 प्रतिशत वेटेज देने की बात है।
माना जा रहा है कि सीबीएसई के नतीजों में अभी कुछ देरी हो सकती है और इसके जुलाई से पहले आने की उम्मीद नहीं है। बोर्ड पहले ही स्कूलों को 28 जून तक 12वीं के छात्रों के बचे हुए प्रैक्टिक्ल्स, इंटररनल असेसमेंट पूरे कर नंबर जमा कराने को कहा है।
वहीं सूत्रों के अनुसार CISCE कक्षा 12वीं के नतीजे पेश करने के लिए लगभग तैयार है। इसके तहत 11वीं और 12वीं के इंटरनल मार्क्स के आधार पर 20 जुलाई तक नतीजे जारी किए जा सकते हैं।