CBI कोर्ट ने 31 साल पुराने मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी को सुनाई 10 साल जेल की सजा, 50 हजार का जुर्माना

By विनीत कुमार | Updated: February 1, 2022 08:28 IST2022-02-01T08:28:03+5:302022-02-01T08:28:03+5:30

सीबीआई की विशेष अदालत ने 1991 के एक मामले में पंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर रहे मेजर सिंह को दोषी मानते हुए 10 साल की जेल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

CBI sentenced Punjan former police officer to 10 years imprisonment in 31 years old case | CBI कोर्ट ने 31 साल पुराने मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी को सुनाई 10 साल जेल की सजा, 50 हजार का जुर्माना

31 साल पुराने मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी को 10 साल जेल की सजा (फाइल फोटो)

Highlightsपंजाब पुलिस में इंस्पेक्टर रहे मेजर सिंह को शख्स को अवैध तरीके से उठाने और हिरासत में रखने के मामले में सजा।कोर्ट ने मेजर सिंह को साल 1991 के मामले में 10 साल की जेल की सजा सुनाई है।पीड़िता की मां ने 1996 में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका, बाद में सीबीआई को जांच के लिए मामला सौंपा गया था।

अमृतसर: सीबीआई की विशेष कोर्ट ने सोमवार को पंजाब पुलिस के एक पूर्व अधिकारी को 31 साल पुराने एक मामले में 10 साल के जेल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। पूर्व पुलिस अधिकारी को एक शख्स को जबरन और गैरकानूनी तरीके से उसके घर से उठाने के मामले में ये सजा सुनाई गई है।

विशेष सीबीआई कोर्ट के जस्टिस हरिंदर सिद्धू ने पंजाब पुलिस के पूर्व इंस्पेक्टर मेजर सिंह को मामले में दोषी ठहराया है। मेजर सिंह तब तरन तारन के सदर पुलिस थाना में थे। ये पूरा मामला 1991 का है।

इंस्पेक्टर रहे मेजर सिंह को धारा 364 (हत्या के क्रम में अपहरण या अपहरण) के तहत दोषी ठहराया गया और 50000 रुपये के जुर्माने के साथ 10 साल की सजा दी गई है। साथ ही धारा 344 के तहत (10 दिन या उससे अधिक दिन गलत तरीके से रखने के लिए) तीन साल की सजा और 20,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

1991 में जबरन घर से उठा लेने की क्या है पूरी कहानी

पीड़ित अमृतसर जिले के जसपाल मेहता गांव के रहने वाला संतोख सिंह थे। वे पंजाब राज्य बिजली बोर्ड के बुटारी अनुमंडल के कर्मचारी थे। 31 जुलाई 1991 की शाम करीब साढ़े आठ बजे वह अपनी ड्यूटी से घर लौटे। इसके कुछ देर बाद आरोपी इंस्पेक्टर मेजर सिंह ने तरनतारन सदर थाने की पुलिस टीम के साथ मेहता के घर पर छापा मारा.

आरोप था कि संतोख सिंह को ले जाकर अवैध हिरासत में रखा गया था। संतोख सिंह की मां स्वर्ण कौर ने 1996 में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) याचिका दायर कर पंजाब पुलिस को उनके बेटे को पेश करने या उसके अपहरण और गायब होने की जांच का अनुरोध किया था। हाई कोर्ट ने 21 जनवरी 1998 को CBI को जांच करने का निर्देश दिया।

सीबीआई जांच में सामने आया सच

सीबीआई जांच में ये बात सामने आई कि संतोख सिंह को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया था। सीबीआई ने 21 अगस्त 1998 को मामला दर्ज किया और 21 अप्रैल 1999 को आरोप पत्र दायर किया।

बहरहाल, फैसला आने के बाद शिकायतकर्ता स्वर्ण कौर ने कहा, 'इंस्पेक्टर मेजर सिंह को ऐसे गंभीर और जघन्य अपराध के लिए 10 साल की दी गई सजा कम है। हमारी कानूनी टीम फैसले की समीक्षा करेगी और हम मेरे बेटे के अपहरण और हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा देने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।'

Web Title: CBI sentenced Punjan former police officer to 10 years imprisonment in 31 years old case

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