सीबीआई ने 30 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में रत्नाकर बैंक के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया
By भाषा | Published: November 19, 2021 06:59 PM2021-11-19T18:59:34+5:302021-11-19T18:59:34+5:30
नयी दिल्ली, 19 नवंबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक संपत्ति के मूल्यांकन में कथित तौर पर 30 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में अहमदाबाद से रत्नाकर बैंक के एक क्षेत्रीय प्रमुख तथा पुणे से वसूली प्रमुख को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में रत्नाकर बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद के कृषि विभाग के क्षेत्रीय प्रमुख निमेश मंगर और पुणे के वसूली प्रमुख सौरभ भसीन शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि आरोप है कि उन्होंने शिकायतकर्ता को मूल्यांकन प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने अनैतिक मांगों के बारे में सीबीआई को सूचित किया था।
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा, ''शिकायतकर्ता ने अपने परिवार के 12 सदस्यों के साथ राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की बागवानी उत्पादन एवं कटाई उपरांत प्रबंधन योजना के जरिये कृषि ऋण के लिए आवेदन किया था, जिसमें सरकार 56 लाख रुपये तक की परियोजना तक के लिये 50 प्रतिशत सब्सिडी देती है।''
जोशी ने कहा कि सब्सिडी की अनुपलब्धता के कारण, शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों का कृषि ऋण गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन गया और सब्सिडी प्राप्त करने के लिए, गिरवी रखी गई संपत्तियों के लिए एक मूल्यांकन प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी।
उन्होंने कहा कि बातचीत के बाद बैंक अधिकारियों ने अपनी मांग घटाकर 30 लाख रुपये कर दी।
जोशी ने कहा, ''सीबीआई ने जाल बिछाया और रत्नाकर बैंक लिमिटेड, अहमदाबाद के क्षेत्रीय प्रमुख को 30 लाख रुपये की रिश्वत मांगने तथा स्वीकार करने के लिए पकड़ लिया। बाद में, रत्नाकर बैंक लिमिटेड, पुणे के रिण वसूली प्रमुख को भी पकड़ा गया।''
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अहमदाबाद, पुणे और दिल्ली सहित पांच स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें दोनों आरोपियों के कार्यालय और आवासीय परिसर शामिल हैं।
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