Caste Survey: बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण पर लगी रोक को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पहुंची नीतीश सरकार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में हम नोटिस क्यों जारी करें? जब इस मामले में 3 जुलाई को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि पटना पटना हाईकोर्ट इस मामले को नहीं सुनता है तो हम सुनवाई करेंगे। इस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि हाईकोर्ट द्वारा दिया गया फैसला सही था। इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा।
दरअसल, राज्य सरकार के तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश अभय एस ओका और न्यायाधीश राजेश बिंदल की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में पहले से ही पटना हाईकोर्ट में 3 जुलाई को सुनवाई होनी है। इसलिए हम नोटिस क्यों जारी करें।
उन्होंने कहा है किे अगर पटना हाईकोर्ट इस मामले को नहीं सुनता है तो फिर हम 14 जुलाई को सुनवाई करेंगे। बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने जाति आधारित सर्वेक्षण पर आगामी 3 जुलाई तक अंतरिम रोक लगाने का फैसला किया था। जिसके विरोध में सरकार ने हाईकोर्टमें जल्द सुनवाई के लिए याचिका लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया और अपने पूर्व के फैसले को बरकरार रखा था।
जिसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। जिसमें सरकार की तरफ से यह मांग की गई थी गणना पूरी किए जाने पर लगी रोक को हटाया जाए। साथ ही मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई को वापस लिया जाए।
हालांकि बुधवार को सुनवाई नहीं हुई और गुरुवार को नई तारीख दी गई। आज हुए सुनवाई के बाद अब राज्य सरकार के पास जाति आधारित सर्वेक्षण को लेकर फिलहाल सारे रास्ते बंद होते नजर आ रहे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर से विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है।