मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में भारत और म्यांमा के बीच समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दी
By भाषा | Updated: June 30, 2021 18:40 IST2021-06-30T18:40:47+5:302021-06-30T18:40:47+5:30

मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में भारत और म्यांमा के बीच समझौता ज्ञापन को स्वीकृति दी
नयी दिल्ली, 30 जून केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में भारत और म्यांमा के बीच समझौता ज्ञापन को बुधवार को स्वीकृति प्रदान कर दी । एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गयी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस समझौता ज्ञापन के बारे में जानकारी दी गई ।
एक सरकारी बयान के अनुसार, इस समझौता ज्ञापन पर भारत की ओर से भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और म्यांमा की ओर से स्वास्थ्य एवं खेल मंत्रालय के चिकित्सा अनुसंधान विभाग (डीएमआर) के बीच फरवरी, 2020 में नयी दिल्ली में हस्ताक्षर किये गए थे ।
इसमें कहा गया है कि इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य आपसी शोध के विषयों में स्वास्थ्य अनुसंधान संबंधों को बढ़ावा देना है। इसके तहत संक्रामक रोगों का उन्मूलन के संबंध में पारस्परिक रूप से निर्णय लिया जाएगा ।
बयान के अनुसार, उभरते और वायरल संक्रमणों के नेटवर्क प्लेटफॉर्म का विकास, अनुसंधान पद्धति प्रबंधन, क्लीनिकल ट्रायल, आचार आदि में प्रशिक्षण/क्षमता निर्माण तथा नियामक तंत्र के सामंजस्य के संबंध में भी संयुक्त कार्यकलापों को बढ़ावा दिया जायेगा ।
इसमें कहा गया है कि कार्यशालाओं/बैठकों और अनुसंधान परियोजनाओं के लिए फंड की उपलब्धता उस समय उपलब्ध निधियों के अनुसार समय-समय पर तय की जाएगी।
बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों पक्ष हर संगठन के प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक संयुक्त कार्यदल (जेडब्ल्यूजी) का गठन करेंगे। संयुक्त कार्यदल (जेडब्ल्यूजी) सत्र एक बार भारत में और एक बार म्यांमा में आयोजित किया जाएगा।
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