CAA Protest: लेखक रामचंद्र गुहा ने कहा- अनैतिक, समझदार और न्यायपूर्ण सरकार इसे भी वापस ले लेगी

By भाषा | Updated: December 21, 2019 14:34 IST2019-12-21T14:34:00+5:302019-12-21T14:34:00+5:30

प्रतिष्ठित इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने ट्वीट किया, ‘‘दो चीजें बिल्कुल स्पष्ट है। पहला कि एनआरसी को फौरन वापस लेना विश्वास बहाल करने और देश को मरहम लगाने का पहला आवश्यक कदम है। दूसरा सीएए अनैतिक और संविधान की भावना के विरुद्ध है। कोई भी समझदार और न्यायपूर्ण सरकार इसे भी वापस ले लेगी।’’

CAA Protest: Writer Ramchandra Guha said - Unethical, sensible and just government will take it back | CAA Protest: लेखक रामचंद्र गुहा ने कहा- अनैतिक, समझदार और न्यायपूर्ण सरकार इसे भी वापस ले लेगी

शनिवार को ‘‘अनैतिक’’ और ‘‘संविधान की भावना के विरुद्ध’’ बताया।

Highlights एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बृहस्पतिवार को हिरासत में लिया गया। प्रतिक्रिया देते हुए गुहा ने कहा था कि यह ‘‘पूरी तरह से अलोकतांत्रिक’’ है।

प्रतिष्ठित इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने संशोधित नागरिकता कानून को शनिवार को ‘‘अनैतिक’’ और ‘‘संविधान की भावना के विरुद्ध’’ बताया तथा कहा कि कोई भी समझदार और न्यायपूर्ण सरकार इसे वापस ले लेगी।

उन्होंने कहा कि एनआरसी को तत्काल वापस लेना विश्वास बहाल करने और देश को मरहम लगाने के लिए पहला आवश्यक कदम है। गुहा ने ट्वीट किया, ‘‘दो चीजें बिल्कुल स्पष्ट है। पहला कि एनआरसी को फौरन वापस लेना विश्वास बहाल करने और देश को मरहम लगाने का पहला आवश्यक कदम है। दूसरा सीएए अनैतिक और संविधान की भावना के विरुद्ध है। कोई भी समझदार और न्यायपूर्ण सरकार इसे भी वापस ले लेगी।’’

गुहा उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें शहर में लागू निषेधाज्ञा की अवहेलना करते हुए यहां टाउन हॉल के समीप संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बृहस्पतिवार को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए गुहा ने कहा था कि यह ‘‘पूरी तरह से अलोकतांत्रिक’’ है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नहीं करने दे रही जो कि नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है। 

जामिया छात्रों ने सीएए के खिलाफ विवि परिसर के बाहर किया प्रदर्शन

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर के बाहर शनिवार को प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर छात्राओं ने प्रदर्शन किया और बाद में इसमें पुरुष भी शामिल हो गए। उन्होंने ‘‘लड़ के लेंगे आजादी’’ और ‘‘इंकलाब जिंदाबाद’’ के नारे लगाए। 

मंगलुरु में स्थिति शांतिपूर्ण, कर्फ्यू में दो घंटे की ढील

मंगलुरु में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हुई हिंसा के बाद लागू निषेधाज्ञा में सुबह छह बजे से दो घंटे की ढील दी गई ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें। शहर के पुलिस आयुक्त पी. एस. हर्ष ने बताया कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गुरुवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एहतियाती तौर पर आयुक्तालय की सीमा में रविवार की रात तक कर्फ्यू जारी रहेगा।

दुकानदारों के पास शनिवार को थोड़ा ही सामान बचा था जो दो घंटे के भीतर बिक गया। कई लोगों ने शिकायत भी की कि उन्हें कर्फ्यू में ढील की जानकारी नहीं थी क्योंकि केवल स्थानीय टीवी चैनलों पर इसकी घोषणा की गई थी। राज्य में निलंबित इंटरनेट सेवाओं के शनिवार रात बहाल होने की उम्मीद है। सिटी बसें, ऑटो-रिक्शा सड़कों पर नजर आएं। जिला प्रभारी मंत्री कोटा श्रीनिवास पुजारी ने कहा कि स्थिति सामान्य है और मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी दी गई है।

इस बीच, मंगलुरु दक्षिण पुलिस ने राज्य के पूर्व मंत्री और मंगलुरु विधायक यू. टी. खादर के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने और हिंसा भड़काने का मामला दर्ज किया गया है। भाजपा के युवा मोर्चा के सचिव संदेश कुमार शेट्टी द्वारा शुक्रवार को दर्ज कराई शिकायत के आधार पर खादर के खिलाफ भादंस की धारा 124ए, 153ए और 153 के तहत मामला दर्ज किया गया। शेट्टी ने अपनी शिकायत में कहा था कि 17 दिसम्बर को दक्षिण कन्नड़ उपायुक्त कार्यालय में प्रदर्शन रैली को संबोधित करते हुए खादर ने कहा था, ‘‘ राज्य में सीएए लागू हुआ तो कर्नाटक में आग लग जाएगी।’’

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