लाइव न्यूज़ :

CAA: यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने रिकवरी के तहत वसूली गई रकम वापस देने का दिया आदेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 18, 2022 17:29 IST

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुई क्षति के लिए सरकार द्वारा जारी की गई वसूली नोटिस के जरिये की गई सभी वसूली को लौटाने का निर्देश दिया है।

Open in App
ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब नोटिस को वापस ले लिया गया है तो तय की गई प्रक्रिया का पालन भी करना होगा। सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने वसूली की वापसी वाला आदेश नहीं लेने के लिए आग्रह किया था।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुई क्षति के लिए सरकार द्वारा जारी की गई वसूली नोटिस के जरिये की गई सभी वसूली को लौटाने का निर्देश दिया है। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि जब नोटिस को वापस ले लिया गया है तो तय की गई प्रक्रिया का पालन भी करना होगा। ऐसे में अगर कुर्की कानून के खिलाफ की गई है और आदेश वापस लिया गया है तो कुर्की को चलने कैसे दिया जा सकता है?

वहीं, सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने वसूली की वापसी वाला आदेश नहीं लेने के लिए आग्रह किया था। दरअसल, महाधिवक्ता का कहना है कि वसूली गई राशि करोड़ों में हो गई है। साथ ही, इससे ये पता चलेगा कि प्रशासन द्वारा की गई पूरी प्रक्रिया अवैध थी। हालांकि, इस अनुरोध पर ध्यान ना देते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी करने ले लिए सही प्रक्रिया का पालन करने के लिए ट्रिब्यूनल से संपर्क करने को कहा है। 

बता दें कि शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुई क्षति के लिए 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध शुरू की गई कार्रवाई और 274 रिकवरी नोटिस वापस ले ली है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकान्त की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार करोड़ों रुपये की पूरी राशि वापस करेगी जो 2019 शुरू की गई कार्रवाई के तहत कथित प्रदर्शनकारियों से वसूली गई थी। बहरहाल, कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नए कानून के तहत कथित सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की स्वतंत्रता प्रदान की।

सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति नष्ट करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भरपाई कानून को 31 अगस्त 2020 को अधिसूचित किया गया था। पीठ ने अतिरिक्त एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद की उस दलील को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार को निधि निर्देशित करने की बजाय दावा अधिकरण का रुख करना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसंबर 2019 में कथित सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को जारी भरपाई नोटिस पर कार्रवाई की थी जिसके लिए शीर्ष कोर्ट ने 11 फरवरी को सरकार को फटकार लगाई थी। 

इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को अंतिम अवसर दिया था कि वह कार्रवाई वापस ले हुए चेतावनी दी थी कि उसकी यह कार्रवाई कानून के खिलाफ है इसलिए कोर्ट इसे निरस्त कर देगी। कोर्ट ने कहा था कि दिसंबर 2019 में शुरू की गई कार्रवाई उस कानून के विरुद्ध है जिसकी व्याख्या उच्चतम कोर्ट ने की है। कोर्ट परवेज आरिफ टीटू की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में अनुरोध किया गया था कि कथित प्रदर्शनकारियों को भेजे गए नोटिस रद्द किये जाएं।

(भाषा इनपुट के साथ)

टॅग्स :CAAउत्तर प्रदेशuttar pradesh
Open in App

संबंधित खबरें

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट

ज़रा हटकेVIDEO: सीएम योगी ने मोर को अपने हाथों से दाना खिलाया, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत