CAA Protest: सेंट्रल पार्क में प्रदर्शन, प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां ली थीं, लिखा था ‘माई नेम इज खान एवं आई एम एन इंडियन’
By भाषा | Updated: December 22, 2019 19:12 IST2019-12-22T19:12:22+5:302019-12-22T19:12:22+5:30
प्रदर्शन स्थल पर एम्स के कई चिकित्सक भी जुटे थे जिन्होंने अपने गले में स्टेथोस्कोप लटकाया हुआ था। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने देशभक्ति के गाने गाये और कविताएं पढ़ीं। प्रदर्शन का आयोजन हाल में गठित समूह ‘डेलहाइटीज फॉर कॉन्स्टीट्यूशन’ द्वारा किया गया था।

आईटी पेशेवर स्नेहा कुमारी ने कहा कि लोग जानते हैं कि सीएए वही हथकंडा है जैसी नोटबंदी थी।
संशोधित नागरिकता कानून और पूरे देश में प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस (सीपी) स्थित सेंट्रल पार्क में प्रदर्शन के लिए जुटे लोगों में छात्र, चिकित्सक और कलाकार भी शामिल थे।
प्रदर्शन स्थल पर एम्स के कई चिकित्सक भी जुटे थे जिन्होंने अपने गले में स्टेथोस्कोप लटकाया हुआ था। इस मौके पर प्रदर्शनकारियों ने देशभक्ति के गाने गाये और कविताएं पढ़ीं। प्रदर्शन का आयोजन हाल में गठित समूह ‘डेलहाइटीज फॉर कॉन्स्टीट्यूशन’ द्वारा किया गया था।
कई प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथों में तख्तियां ली हुई थीं जिन पर नारे लिखे थे। इन नारों में ‘माई नेम इज खान एवं आई एम एन इंडियन’ (मेरा नाम खान है और मैं एक भारतीय हूं), ‘इट इज सो बैड दैट इवेन इंजीनियर्स आर हियर’ (यह इतनी खराब बात है कि इंजीनियर भी यहां पर हैं), ‘मेक इंडिया डेमोक्रेटिक अगेन’ (भारत को फिर से लोकतांत्रित बनायें), और ‘डर के आगे पीस है’ शामिल थे।
एम्स में मनोचिकित्सक अजय वर्मा ने कानून के खिलाफ गाने गाये जिसकी छात्रों ने तालियां बजाकर प्रशंसा की। वर्मा ने कहा, ‘‘यह लड़ाई लंबी चलने वाली है। प्रदर्शनों में घायल हुए लोगों को समय से इलाज नहीं मुहैया कराया गया।
हमने लोगों को तत्काल चिकित्सकीय सहायता के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की है।’’ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर जयंती घोष ने संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ आंदोलन शुरू करने के लिए युवाओं को धन्यवाद किया और कहा कि ‘‘आपने हमें उम्मीद दी।’’
घोष ने कहा, ‘‘कश्मीर वाली नॉर्मेल्सी’’ फैल रही है और हम उससे आजादी चाहते हैं। हमें अब रुकना नहीं चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।’’ वेंकटेश्वर कालेज की रश्मि ने कहा कि विमर्श वास्तविक मुद्दों पर वापस लाने की जरूरी है जैसे बेरोजगारी और क्या आर्डनेंस फैक्ट्री सार्वजनिक उपक्रम रहेगा या नहीं। आईटी पेशेवर स्नेहा कुमारी ने कहा कि लोग जानते हैं कि सीएए वही हथकंडा है जैसी नोटबंदी थी।
Karnataka: Students, human rights activists and other protesters gather at Town Hall in Bengaluru to stage a demonstration against #CitizenshipAmendmentAct and National Register of Citizens (NRC). pic.twitter.com/58AF3c1TzE
— ANI (@ANI) December 22, 2019