CAA Protest: चार बेगुनाह को कोर्ट ने छोड़ा, यूपी पुलिस को दी चेतावनी
By भाषा | Published: December 31, 2019 04:53 PM2019-12-31T16:53:29+5:302019-12-31T16:53:29+5:30
अभियोजन के मुताबिक, पुलिस ने अदालत में दायर की गई अपनी रिपोर्ट में उन्हें क्लीन चिट दी जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जिला रोज़गार कार्यालय ने कहा कि वरिष्ठ लिपिक मोहम्मद फारूक 20 दिसंबर को प्रदर्शनों के दौरान अपने दफ्तर में थे।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए चार लोगों को अदालत के आदेश पर रिहा कर दिया गया है। इनमें एक सरकारी कर्मचारी भी शामिल है।
अभियोजन के मुताबिक, पुलिस ने अदालत में दायर की गई अपनी रिपोर्ट में उन्हें क्लीन चिट दी जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जिला रोज़गार कार्यालय ने कहा कि वरिष्ठ लिपिक मोहम्मद फारूक 20 दिसंबर को प्रदर्शनों के दौरान अपने दफ्तर में थे।
इस बीच, सिविल लाइंस और खालापार इलाके में प्रदर्शन के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ चार और मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले, जिले में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के सिलसिले में 40 मामले दर्ज किए गए थे और 73 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इसके साथ ही, पुलिस की विशेष जांच प्रकोष्ठ ने हिंसा के मामलों की जांच शुरू कर दी है।
छात्र तब तक सीएए पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, जब तक कि ये शांतिपूर्ण हों : अमरिंदर सिंह
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को यहां कहा कि छात्र सीएए और एनआरसी के खिलाफ तब तक प्रदर्शन कर सकते हैं, जब तक कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहता है। एक जनवरी को छात्रों ने राज्य भर में प्रदर्शन का आह्वान किया है।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी कीमत पर किसी को भी शांति बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सिंह ने एक बयान में कहा,‘‘प्रदर्शन करना सभी नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है और केन्द्र सरकार के क्रूर कदम के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन तथा मार्च छात्रों सहित लोगों के अधिकार के दायरे में आते हैं लेकिन तब तक, जब तक कि ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण हों।’’
उन्होंने कहा कि जब तक छात्र कानून अपने हाथ में नहीं लेते, पुलिस उन्हें प्रदर्शन करने से नहीं रोकेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करे अथवा किसी तरह की हिंसा में शामिल हो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने छात्र नेताओं से अपील कि वे गुंडा तत्वों को प्रदर्शन में शामिल नहीं होने दें और यह सुनिश्चित करें की प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे।