श्रीनगरः जम्मू कश्मीर विधानसभा उपचुनाव के नतीजे शुक्रवार को घोषित किए गए, जिसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने बडगाम सीट और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नगरोटा सीट पर जीत हासिल की। बडगाम में पीडीपी उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर मेहदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के आगा सैयद महमूद को 4478 मतों से हराया। उपचुनावों में सबसे प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में से एक इस निर्वाचन क्षेत्र में 17 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें अपनी पार्टी और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रतिनिधि भी शामिल थे।
पीडीपी उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर मेहदी ने बताया कि मतदाताओं ने निर्वाचन क्षेत्र में जवाबदेही और बदलाव को चुना है। उन्होंने कहा कि लोगों ने बदलाव और जवाबदेही के लिए वोट दिया है। उन्होंने आगे कहा कि बडगाम जिला, जिसे उन्होंने पिछले एक साल में नजरअंदाज किया था, अब विधानसभा में प्रभावी ढंग से प्रतिनिधित्व करेगा।
इस सीट पर दरअसल नेकां के आंतरिक मतभेदों के बीच पीडीपी के अभियान ने गति पकड़ी थी। वरिष्ठ शिया नेता और तीन बार विधायक और अब श्रीनगर से सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने आरक्षण उप-समिति की रिपोर्ट के कार्यान्वयन में देरी, स्मार्ट बिजली मीटरों की समस्या और राज्य का दर्जा व अनुच्छेद 370 पर कथित तौर पर पीछे हटने का हवाला देते हुए, नेकां उम्मीदवार के लिए प्रचार करने से सार्वजनिक रूप से इनकार कर दिया था। रूहुल्लाह ने अनुरोध किया था कि नेकां के अभियान में उनके नाम या तस्वीर का इस्तेमाल न किया जाए।
परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने बडगाम में जीत का जश्न मनाया। दूसरी ओर नगरोटा में, भाजपा उम्मीदवार देवयानी राणा ने जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) के हर्ष देव सिंह को 24647 मतों के अंतर से हराया। इस सीट पर पहले उनके पिता दिवंगत देवेंन्द्र सिंह राणा जो केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह राणा के भाई का कब्जा था।
उनके चले जाने के बाद अब उनकी बेटी ने अपने पिता द्वारा बोई गई फसल को ही काटा है। नेकां उम्मीदवार शमीम बेगम लगभग 10,000 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं। दिवंगत विधायक देवेंद्र सिंह राणा की बेटी देवयानी राणा ने 31 अक्टूबर, 2024 को अपने पिता के निधन के बाद राजनीति में प्रवेश किया। उनकी जीत को जम्मू क्षेत्र में भाजपा की निरंतर उपस्थिति का प्रतीक बताया जा रहा है।
बडगाम उपचुनाव मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे के कारण आवश्यक हुआ था, जिन्होंने 2024 के विधानसभा चुनावों में गंदरबल और बडगाम दोनों सीटें जीती थीं और गंदेरबल का प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया था। देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद नगरोटा उपचुनाव हुआ।