जयपुर:जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की प्रवर्तन शाखा ने उस पांच मंजिला इमारत को सोमवार को ढहा दिया जिसमें हालिया पेपर लीक प्रकरण के मुख्य आरोपी सुरेश ढाका का कोचिंग सेंटर था। आपको बता दें कि ढाका का नाम हाल में ग्रेड-2 शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में प्रमुख आरोपी के रूप में सामने आया था।
कोचिंग मालिक से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर हुई है कार्रवाई
प्राधिकरण की प्रवर्तन शाखा ने ‘‘अधिगम कोचिंग इंस्टिट्यूट’’ की इमारत को उपनियमों के खिलाफ पाया और दो बार नोटिस दिया था, लेकिन कोचिंग मालिक से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद सोमवार सुबह इमारत को गिरा दिया गया है। यह भवन गुर्जर की थड़ी, गोपालपुरा बायपास मुख्य रोड पर मौजूद है।
भवन के दो आवासीय भूखंडों और सड़क पर बनने के कारण गिराया गया इमारत-अधिकारी
मामले में बोलते हुए जेडीए की प्रवर्तन शाखा के प्रमुख रघुवीर सैनी ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘संस्थान का भवन दो आवासीय भूखंडों पर बना था। सड़क पर भी अतिक्रमण किया गया था, इसलिए भवन मालिक अनिल अग्रवाल और कोचिंग सेंटर संचालक सुरेश ढाका, भूपेन्द्र सारण, धर्मेंद्र चौधरी और छाजू लाल जाट को नोटिस दिया गया था। इनसे अवैध निर्माण व अतिक्रमणों को हटाने तथा अपना जवाब आठ जनवरी तक देने को कहा गया था। इनकी ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद इमारत को आज ध्वस्त कर दिया गया।’’
पेपर लीक मामले में 37 अभ्यर्थियों समेत कुल 55 लोग हुए थे गिरफ्तार
इससे पहले राजस्थान पुलिस ने दिसंबर में द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अब तक 37 अभ्यर्थियों समेत कुल 55 लोगों को गिरफ्तार किया है। ऐसे में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। इस मामले में एक स्कूल के प्रधानाचार्य सुरेश विश्नोई, एमबीबीएस छात्र भजनलाल और रायता राम चौधरी को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि कोचिंग सेंटर संचालक सुरेश ढाका का नाम भी सामने आया जो अभी गिरफ्त में नहीं आया है।
भाजपा ने किया फैसले का स्वागत
द इंडियन एक्सप्रेस की अगर माने तो जेडीए के मुख्य नियंत्रक (प्रवर्तन) एडीशनल एसपी रघुवीर सैनी ने कहा है कि पेपर लीक मामले में कोचिंग मालिकों के शामिल होने के आरोप में इन पर तुरन्त कार्रवाई की गई है।
ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि चाहे सीएम गहलोत हो या और कोई, वे ऐसे मामलों में आरोपियों पर बुलडोजर चलने के पक्ष में है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि वे इन आरोपियों की संपत्तियों को अटैच कर अब तक के खर्चों को वसूलना भी चाहिए।
मध्य प्रदेश में बुलडोजर चलाने के लिए भाजपा की आलोचना कर चुके है सीएम गहलोत
आपको बता दें कि इससे नौ महीने पहले सीएम गहलोत ने भाजपा का जमकर विरोध किया था जब मध्य प्रदेश के खरगोन में राज्य सरकार द्वारा आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाया गया था। इस पर उस समय उन्होंने कहा था कि बिना जांच और दोषी साबित हुए लोगों के घर पर बुलडोजर चलाने का हक किसी को नहीं है, यहां तक की मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भी इसका अधिकार नहीं है।