Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट से आम जनता को काफी उम्मीदें है। इस साल का यह पहला बजट पेश किया जाने वाला है जिसे लेकर कई तरह की उम्मीदें जताई जा रही है। आम आदमी सरकार से राहत की आस कर रहा है तो वहीं अन्य सेक्टर की अपनी-अपनी आंकाक्षाएं है।
वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश होने से पहले जनता इन तीन टैक्सों में बदलाव को लेकर नजरें टिकाए हुए हैं। ऐसे में आइए देखते हैं कि अगर इन मुद्दों पर बजट पेश किया जाता है तो क्या संभावनाएं होंगी...
गौरतलब है कि एफएम सीतारमण द्वारा 3 आयकर परिवर्तन जो मध्यम वर्ग को लाभान्वित कर सकते हैं।
1- आयकर छूट
नौकरीपेशा लोगों के लिए 7 लाख रुपये से अधिक आय न होने पर निवासी आयकर अधिनियम की धारा 87ए के तहत छूट के लिए पात्र है, जिससे प्रभावी रूप से ₹7 लाख तक की आय कर-मुक्त हो जाती है। मठपाल ने कहा, "इस सीमा को ₹1 लाख तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे कर-मुक्त आय सीमा ₹8 लाख हो जाएगी।"
2- मानक कटौती
मानक कटौती एक निश्चित राशि है जिसे कर योग्य आय से घटाया जा सकता है - एक बड़ी कटौती के परिणामस्वरूप कर योग्य आय कम होती है, जिससे कर कम होता है।
इसे समझने की कोशिश करने के लिए आइए एक सरल उदाहरण का उपयोग करें: मान लीजिए कि आप सकल वेतन में ₹10,000,000 कमाते हैं। ₹75,000 की मानक कटौती के बाद आपकी कर योग्य आय ₹9,25,000 होगी। अगर मानक कटौती ₹1,00,000 तक बढ़ जाती है, तो आपकी कर योग्य आय ₹9,000,000 होगी।
मींट की रिपोर्ट के हवाले से, "सरकार नई कर व्यवस्था में कुछ बदलावों पर विचार कर सकती है। वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए मानक कटौती, जो वर्तमान में ₹75,000 है, को बढ़ाकर ₹1 लाख किया जा सकता है।"
3- नए टैक्स स्लैब
रिपोर्ट के अनुसार, नई कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब को भी इस प्रकार संशोधित किया जा सकता है:
₹4 लाख तक की आय - शून्य
₹4 लाख से ₹8 लाख - 5%
₹8 लाख से ₹10 लाख - 10%
₹10 लाख से ₹12 लाख - 15%
₹12 लाख से ₹15 लाख - 20%
₹15 लाख से ऊपर - 30%
अगर ये बदलाव लागू किए जाते हैं तो ये नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए अधिक आकर्षक हो सकती है। उन्होंने कहा कि करदाता अधिक पैसा बचा सकते हैं, जिससे उनकी डिस्पोजेबल आय बढ़ सकती है।
केंद्रीय बजट 2025सभी की निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हैं क्योंकि वह 1 फरवरी 2025 को अपना आठवां बजट भाषण देने के लिए तैयार हैं, क्योंकि केंद्रीय बजट 2025 तेजी से आ रहा है। विशेष रूप से, मध्यम वर्ग और वेतनभोगी लोग अपनी वित्तीय स्थिति को प्रभावित करने वाली राहत और अनुकूल सुधारों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।