नई दिल्ली: किसान नेताओं का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वित्त वर्ष 2022-23 का बजट किसानों के लिए निराशाजनक है और हमारे लिए केवल ढाई मिनट दिया गया।
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि देशभर के किसान बड़ी उम्मीद के साथ बजट भाषण सुन रहे थे क्योंकि करीब एक साल तक चले विरोध प्रदर्शन को खत्म करने और सरकार द्वारा किए गए वादों के बाद यह पहला बजट था, लेकिन वित्त मंत्री ने पूरे भाषण में से हम पर मुश्किल से ढाई मिनट का समय बिताया।
हालिया खत्म हुए किसान आंदोलन के चेहरों में से एक और सरकार के साथ बातचीत करने वाली टीम की हिस्सा रहने वाले सिंह ने सरकार को ऐसी घोषणाएं करने के लिए भी आड़े हाथों लिया जो किसानों के पक्ष में लगती हैं।
किसानों की आय दोगुनी करने के वादे पर सिंह ने कहा कि साल 2016 में जब सरकार ने यह वादा किया था तब किसानों की आय 8059 रुपये थी। उन्होंन कहा कि साल 2022 के लिए 21,146 रुपये की आय करने का लक्ष्य रखा गया था। साल 2019 की एक रिपोर्ट 10 हजार रुपये की आय दिखाती है। जो कि केवल दो हजार रुपये की वृद्धि है। वहीं, हालिया आंकड़ा किसानों की आय केवल 12,200 रुपये दिखाता है। इससे निराशाजनक क्या हो सकता है?
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि सरकार किसानों की आय के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुछ घोषणाएं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले पांच सालों में सरकार ने गन्ने की खरीद पर केवल 25 रुपये की बढ़ोतरी की है।
बजट में उर्वरक सहित कई सब्सिडी में भारी कटौती दिखाई गई है, जो पिछले साल के 1.40 लाख करोड़ रुपये से घटकर आने वाले वित्तीय वर्ष में 1.05 लाख करोड़ रुपये हो गई। खाद्यान्न और पेट्रोल पर सब्सिडी भी घटा दी गई है।