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जातिवादी सरकारों को बर्दाश्त नहीं कोई उपेक्षितों के लिए काम करे, अम्बेडकर जयंती पर मायावती ने विरोधियों पर जमकर साधा निशाना

By अनिल शर्मा | Updated: April 14, 2022 09:19 IST

मायावती ने ट्वीट किया, जातिवादी सरकारें बाबा साहब की कितनी अवहेलना क्यों न करें, उनके अनुयाइयों पर अत्यार जारी रखें लेकिन बसपा उनके आत्मसम्मान के लिए झुकने वाली नहीं है।

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ठळक मुद्देबसपा प्रमुख मायावती ने बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कियाआंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था मायावती ने कहा, बाबा साहब का आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का बीएसपी मूवमेन्ट रुकने व झुकने वाला नहीं है

लखनऊः बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, उनके ऐतिहासिक योगदान के लिए देश हमेशा ऋणी व कृतज्ञ रहेगा। मायावती ने ट्वीट किया, संविधान शिल्पी परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके अनुयाइयों की ओर से उन्हें शत्-शत् नमन व हार्दिक श्रद्धा-सुमन। करोड़ों कमजोर व उपेक्षित वर्गों तथा मेहनतकश समाज आदि के हित व कल्याण के प्रति उनके महान व ऐतिहासिक योगदान के लिए देश हमेशा ऋणी व कृतज्ञ।

मायावती ने इस दौरान विरोधी पार्टियों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा, जातिवादी सरकारें बाबा साहब की कितनी अवहेलना क्यों न करें, उनके अनुयाइयों पर अत्यार जारी रखें लेकिन बसपा उनके आत्मसम्मान के लिए झुकने वाली नहीं है। बसपा प्रमुख ने ट्वीट में लिखा- जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त विरोधी पार्टियों व इनकी सरकारें बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के संघर्षों व संदेशों की कितनी ही अवहेलना करके उनके अनुयाइयों पर शोषण, अन्याय-अत्याचार व द्वेष आदि जारी रखें, किन्तु उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का बीएसपी मूवमेन्ट रुकने व झुकने वाला नहीं है।

मायावती ने एक और ट्वीट में विरोधियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर कोई नेता उपेक्षितों के लिए काम करता है तो ये पार्टियां उन्हें दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देती हैं। बसपा प्रमुख ने लिखा-  जातिवादी सरकारें उपेक्षित वर्ग के नेताओं को अपने समाज का भला करने की छूट नहीं देती हैं। यदि कोई कुछ करने का प्रयास करता है तो उसको दूध की मक्खी की तरह निकाल-बाहर कर दिया जाता है, जैसाकि अब तक यहाँ होता रहा है। इसीलिए इन वर्गों की हालत अभी तक मजबूर व लाचार, यह अति-दुःखद।

टॅग्स :मायावतीBhimrao Ambedkarडॉ भीम राव अंबेडकर जयंती
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