बीएसएफ मामला : केंद्र के कदम के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने का फैसला

By भाषा | Published: October 25, 2021 08:17 PM2021-10-25T20:17:07+5:302021-10-25T20:17:07+5:30

BSF case: Decision to pass resolution from assembly against Centre's move | बीएसएफ मामला : केंद्र के कदम के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने का फैसला

बीएसएफ मामला : केंद्र के कदम के खिलाफ विधानसभा से प्रस्ताव पारित करने का फैसला

चंडीगढ़, 25 अक्टूबर भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों ने पंजाब विधानसभा का सत्र बुलाकर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने की केंद्र की अधिसूचना को सर्वसम्मति से खारिज करने का फैसला किया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र के मुद्दे पर विचार के लिए सर्वदलीय बैठक बुलायी थी। उसके बाद यह फैसला किया गया। पंजाब भाजपा ने बैठक का बहिष्कार किया।

इस बैठक में शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी, लोक इंसाफ पार्टी और अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

केंद्र सरकार ने हाल ही में बीएसएफ कानून में संशोधन किया था ताकि बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किमी के बदले 50 किमी के भीतर तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने का अधिकार मिल सके।

चन्नी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक अनुकूल माहौल में हुई और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने एक प्रस्ताव पारित किया कि बीएसएफ के अधिकार-क्षेत्र संबंधी अधिसूचना को खारिज कर दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “विधानसभा का सत्र बुलाकर, सभी (दल) अधिसूचना को संयुक्त रूप से खारिज करेंगे। इस पर सभी दल एकमत हैं।' इसके साथ ही उन्होंने सभी दलों के प्रतिनिधियों को 'यज्ञ' में पूर्ण समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।

चन्नी ने केंद्र सरकार से कहा कि पंजाब सरकार राज्य की सुरक्षा करने में सक्षम है। उन्होंने जोर दिया कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों को आश्वासन दिया कि पंजाब के हितों के सामने उनके लिए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के पद कोई मायने नहीं रखते। उन्होंने कहा,‘‘ हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं लेकिन पंजाब के हितों को लुटने नहीं देंगे।’’

विधानसभा का सत्र बुलाने के बारे में फैसला कैबिनेट की अगली बैठक में किया जाएगा। चन्नी ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर सर्वोच्च अदालत का भी दरवाजा खटखटाएगी।

इस बीच, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कृषि संबंधी केंद्र के तीन "काले" कानूनों को भी आगामी विधानसभा सत्र में खारिज किया जाएगा।

पंजाब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्र पर आरोप लगाया कि वह "राज्य के भीतर राज्य बनाकर संघीय ढांचे को कमजोर कर रहा है।"

उन्होंने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र का विस्तार कर "पंजाब के लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन" करने के लिए भी केंद्र की निंदा की।

उन्होंने राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले इस कदम के समय को लेकर सवाल उठाते हुए इसे "निहित स्वार्थों" के लिए केंद्र सरकार का "राजनीतिक कदम" करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया है।

सिद्धू ने कहा, “चूंकि भाजपा कभी पंजाब नहीं जीत सकती, इसलिए वह अशांति पैदा कर रही है, ताकि पंजाब में शांतिपूर्ण चुनाव नहीं हो सकें...।’’

उधर, पंजाब भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर तुच्छ राजनीति करने का आरोप लगाया। पंजाब भाजपा नेता मनोरंजन कालिया ने कहा कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने का कदम राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए है और देशविरोधी गतिविधियों पर काबू के लिए बीएसएफ की शक्तियों को बढ़ाया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: BSF case: Decision to pass resolution from assembly against Centre's move

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे