BJP की ओपन डोर पॉलिसी : बांह फैलाकर विपक्षी नेताओं को कर रही स्वीकार, महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने को तैयार

By हरीश गुप्ता | Published: August 11, 2019 08:15 AM2019-08-11T08:15:58+5:302019-08-11T08:15:58+5:30

भाजपा महाराष्ट्र में आसन्न विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिए कमर कस रही है. इसी मकसद से वह कांग्रेस और राकांपा नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है.

BJP's open door policy: Accepting opposition leaders by spreading arms, ready to contest elections alone in Maharashtra | BJP की ओपन डोर पॉलिसी : बांह फैलाकर विपक्षी नेताओं को कर रही स्वीकार, महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने को तैयार

भाजपा इसी रणनीति के तहत विभिन्न दलों के राज्यसभा सांसदों से इस्तीफा दिलवाकर उन राज्यों के लिए बाहर कर रही है जहां उनके पास बहुमत है.

Highlightsभाजपा राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के लिए बेताब है.भाजपा नेतृत्व पूरे देश में पार्टी के आधार के विस्तार के लिए 'ओपन डोर' नीति पर जोर दे रहा है.

भाजपा नेतृत्व पूरे देश में पार्टी के आधार के विस्तार के लिए 'ओपन डोर' नीति पर जोर दे रहा है. यहां तक कि उत्तर प्रदेश सरीखे राज्यों जहां पार्टी का प्रचंड बहुमत है, वहां भी प्रमुख वाम, दक्षिण और मध्यमार्गी नेताओं को बांह फैलाकर अपना रहे हैं.

सपा के दो नेताओं के आज भाजपा में शामिल होने के साथ राज्यसभा में ऐसे सदस्यों की संख्या चार हो गई है, जिन्होंने अपनी पार्टी से नाता तोड़ लिया है.

एक अति वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने नाम नहीं रखने की शर्त पर बताया, ''हम चाहते हैं कि सार्वजनिक जीवन जीने वाला हर कोई भाजपा में शामिल हो. उन्हें पार्टी के लिए काम करना चाहिए और मौके का इंतजार करना चाहिए. यह हमारी संस्कृति है.''

बगावत कर भाजपा का नया चेहरा बने सी. एम. रमेश ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक भुवनेश्वर कलिता को पार्टी और राज्यसभा सीट छोड़ने के लिए राजी किया था.

रमेश अब भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव के साथ समन्वय करते हैं, जो संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और रेलवे मंत्री पीयूष गोयल के साथ समन्वय के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संपर्क में रहते हैं. भाजपा ने सबको अपने में शामिल करने की संस्कृति के तहत ही गोवा में 10 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल किया जबकि हरियाणा में ऐसा ही दोहराने की इच्छा रखती थी.

वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना की मदद से भारी बहुमत के बावजूद बड़े पैमाने पर दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल कराया.

राज्य में अकेले लड़ने के लिए कस रही कमर :

यदि अंदरूनी सूत्र का विश्वास किया जाए जो यदि शिवसेना फिर कोई अजीब हरकत करती है, तो भाजपा महाराष्ट्र में आसन्न विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के लिए कमर कस रही है. इसी मकसद से वह कांग्रेस और राकांपा नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है. अति वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने कहा, ''हमारे मशीनरी के व्यापक सर्वेक्षणों के आधार पर टिकट दिए जा रहे हैं. स्वचालित कुछ भी नहीं है.''

पार्टी छोड़ने वाले फिर से होंगे मनोनीत :

भाजपा इसी रणनीति के तहत विभिन्न दलों के राज्यसभा सांसदों से इस्तीफा दिलवाकर उन राज्यों के लिए बाहर कर रही है जहां उनके पास बहुमत है. इसीलिए जो उच्च सदन की सदस्यता छोड़ रहे हैं, वे फिर से मनोनीत होंगे. सपा के नीरज शेखर की तरह जिन्होंने पार्टी छोड़ दी उन्हें राज्यसभा सीट दे दी गई. कलिता, नागर और सेठ को भी असम और उत्तर प्रदेश से भी सीटें दी जाएंगी. कांग्रेस के चार और सांसदों के नाम चर्चा में हैं. भाजपा राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के लिए बेताब है.

Web Title: BJP's open door policy: Accepting opposition leaders by spreading arms, ready to contest elections alone in Maharashtra

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