नए साल में यूपी में भाजपा को मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष, रेस में भाजपा के ये छह नेता शामिल
By राजेंद्र कुमार | Updated: November 28, 2024 18:20 IST2024-11-28T18:20:51+5:302024-11-28T18:20:51+5:30
भाजपा संगठन में अब इसे लेकर तेजी से तैयारी हो रही है, जिसके चलते आगामी 30 नवंबर तक हर हर जिले में सभी बूथ कमेटियां गठित कर ली जाएंगी। इसी के बाद मंडल और जिला अध्यक्षों का चुनाव होगा, फिर कहीं जाकर नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगेगी।

नए साल में यूपी में भाजपा को मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष, रेस में भाजपा के ये छह नेता शामिल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नए साल के पहले ही माह में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा। भाजपा संगठन में अब इसे लेकर तेजी से तैयारी हो रही है, जिसके चलते आगामी 30 नवंबर तक हर हर जिले में सभी बूथ कमेटियां गठित कर ली जाएंगी। इसी के बाद मंडल और जिला अध्यक्षों का चुनाव होगा, फिर कहीं जाकर नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगेगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल पूरा हो चुका है, जिसके चलते ही उनकी जगह पर नए अध्यक्ष का चुनाव होना है। अब पार्टी संगठन में जातीय समीकरणों का ध्यान रखते हुए नए अध्यक्ष का चयन किया जाना है। चर्चा है कि किसी ब्राहाण या पिछड़े वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर लाया जाए। अध्यक्ष की रेस में विद्यासागर सोनकर, बाबूराम निषाद, विजय सोनकर, धर्मपाल सिंह, विजय बहादुर पाठक और गोविंद नारायण शुक्ल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
भाजपा नेताओं के अनुसार, पार्टी प्रदेश में संगठन के जरिए एक मजबूत सोशल इंजीनियरिंग बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। जिसके चलते पार्टी संगठन में सभी जातियों और वर्गों का बैलेंस बनाया जाना है। ताकि संगठन में भी सबका साथ, सबका विश्वास हासिल हो।
इसी सोच के तहत क्षत्रिय या वैश्य समाज से किसी को प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने पर सहमति बनी है। उनकी जगह किसी ब्राह्मण, दलित या फिर पिछड़े वर्ग से आने वाले नेता को सूबे में पार्टी मुखिया की कमान सौंप जाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। कुछ सीनियर नेता यह भी कह रहे हैं कि यूपी में बसपा के खिसकते जनाधार और 22 फीसदी एससी-एसटी वोटों को देखते हुए पार्टी को दलित कार्ड भी खेलना चाहिए।
इस चर्चा को पार्टी नेताओं का बड़ा वर्ग खारिज कर रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि ब्राहाण या पिछड़े वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से पार्टी के आधार को मजबूती मिलेगी। ऐसी चर्चाओं के आधार पर ही विद्यासागर सोनकर, बाबूराम निषाद, विजय सोनकर, धर्मपाल सिंह, विजय बहादुर पाठक और गोविंद नारायण शुक्ल को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर माहौल बनाया जा रहा है।
इस तरह से होगा अध्यक्ष पद का चुनाव
फिलहाल पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की जगह पर नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इससे पहले प्रदेश में करीब 1.62 लाख से ज्यादा बूथों पर गठन किया जाएगा। अभी तक 35 फीसदी बूथों पर समितियां गठित हो चुकी हैं, जबकि बाकी बची बूथ कमेटियों का गठन 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाए।
इसके बाद फिर एक से 15 दिसंबर के बीच मंडल अध्यक्ष और 16 से 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया चलेगी। इसके बाद जिलाध्यक्ष और अंततः प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। 15 जनवरी के पहले यह कार्य पूरा किया जाना है। नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा?
इस बारे में तमाम अटकलें लगाने वाले भाजपा के सीनियर नेता यह दावा कर रहे है अध्यक्ष पद का अपना कार्यकाल पूरा करने वाले भूपेन्द्र चौधरी फिर से प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बनेंगे। उनके अनुभव का लाभ पार्टी देते रहेगी।