भाजपा एक-दो दिन में भबानीपुर सीट से ममता के प्रतिद्वंद्वी का नाम घोषित करेगी : पार्टी नेता
By भाषा | Updated: September 7, 2021 19:58 IST2021-09-07T19:58:49+5:302021-09-07T19:58:49+5:30

भाजपा एक-दो दिन में भबानीपुर सीट से ममता के प्रतिद्वंद्वी का नाम घोषित करेगी : पार्टी नेता
कोलकाता, सात सितंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को कहा कि पार्टी भबानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा एक-दो दिन में करेगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसी सीट से मैदान में उतरने वाली हैं।
ममता विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी शुभेंदु अधिकारी से हार गयी थीं। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता को मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने के लिए छह महीने के भीतर विधानसभा के लिए निर्वाचित होना होगा।
राज्य में भबानीपुर और दो अन्य सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव होने हैं। राज्य के तीन अन्य सीटें - खरदाह, दिनहाटा और शांतिपुर भी रिक्त हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने अभी इनपर उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा नहीं की है।
भाजपा के राज्य महासचिव सायंतन बसु ने पीटीआई-भाषा से कहा कि भबानीपुर के साथ ही मुर्शिदाबाद की दो अन्य विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर एक-दो दिन में फैसला किया जाएगा।
इससे पहले दिन में, प्रदेश भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि भबानीपुर के लिए उम्मीदवार का चयन बुधवार या बृहस्पतिवार तक किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग ने 30 सितंबर को उपचुनाव कराने का फैसला किया है। हमारा अनुमान था कि यह कुछ समय बाद होगा। लेकिन हमें चुनाव आयोग के आदेश का पालन करना चाहिए, हम तृणमूल के विपरीत चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संवैधानिक निकायों का विरोध नहीं करते हैं।’’
ममता पर निशाना साधते हुए घोष ने कहा कि सत्तारूढ़ दल ने मुख्यमंत्री के लिए रास्ता साफ करने के तहत शोभनदेब चट्टोपाध्याय से भबानीपुर सीट खाली करायी है, जहां वह बड़े अंतर से जीते थे।
अटकलें हैं कि तृणमूल राज्य के कृषि मंत्री चट्टोपाध्याय को खरदाह क्षेत्र से उम्मीदवार बनाएगी? जो विजयी उम्मीदवार काजल सिन्हा की कोविड से मृत्यु के कारण रिक्त हो गई है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भबानीपुर, जंगीपुर, समसेरगंज के अलावा अन्य सीटों पर उपचुनाव के बारे में कोई घोषणा नहीं होने से कारण चट्टोपाध्याय का राजनीतिक करियर अनिश्चितता में फंस गया है। यदि शेष सीटों के लिए उपचुनाव नवंबर के पहले सप्ताह तक नहीं होते हैं तो क्या चट्टोपाध्याय मंत्री बने रहेंगे?"
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर निशाना साधते हुए घोष ने कहा, ‘‘पूछताछ के बाद वह नाराज हो गए और हर जगह भाजपा को हराने के असंभव दावे किए। हम उनके गुस्से और हताशा को समझते हैं... उन्हें याद रखना चाहिए कि तृणमूल का आधार केवल एक राज्य में है। त्रिपुरा हो या भारत में और कहीं, पार्टी का कोई प्रभाव नहीं है। भाजपा को हराने का कोई भी सपना, सपना ही रहेगा।"
उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय ने अभिषेक बनर्जी से छह सितंबर को कथित कोयला चोरी घोटालाके एक मामले में लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की थी।
भाजपा नेता के दावे को खारिज करते हुए तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि भाजपा "ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों की मदद से अपने उन राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने की साजिश रच रही है, जिनसे उसकी चुनावी महत्वाकांक्षाओं को खतरा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा पश्चिम बंगाल में झटका खाने के बाद तृणमूल की लोकप्रियता से भयभीत है। पार्टी त्रिपुरा में जनता के साथ तृणमूल के जुड़ाव से भयभीत है। त्रिपुरा में लोग बिप्लब देब सरकार से छुटकारा चाहते हैं। दिलीप बाबू के बयानों का कोई मतलब नहीं है, वे खोखले हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।