BJP Sudha Yadav: भाजपा संसदीय बोर्ड में सुधा यादव, हरियाणा और उत्तराखंड से संबंध, जानें कौन हैं...

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 17, 2022 08:02 PM2022-08-17T20:02:05+5:302022-08-17T20:09:02+5:30

BJP Sudha Yadav: सीईसी में नए चेहरों के रूप में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ओम माथुर को जगह दी गई है।

BJP Sudha Yadav who is parliamentary board election committee sushma swaraj haryana Studied Roorkee husband martyrdom in Kargil war  | BJP Sudha Yadav: भाजपा संसदीय बोर्ड में सुधा यादव, हरियाणा और उत्तराखंड से संबंध, जानें कौन हैं...

बोर्ड में शामिल डॉ. सुधा यादव भी चर्चा में हैं।

Highlightsसीईसी में संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों के अलावा आठ अन्य सदस्य होते हैं।पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया गया है।भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया।

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड में बड़ा फेरबदल किया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को हटा दिया। भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए संगठन को मजबूत करना शुरू कर दिया।

पार्टी ने चुनावी टिकटों के बंटवारे के लिहाज से सबसे अहम केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) का भी पुनर्गठन किया। बोर्ड में शामिल डॉ. सुधा यादव भी चर्चा में हैं। यादव से पहले सुषमा स्वराज बोर्ड में सदस्य हुआ करती थीं। 1999 में इनका नाम आया था। 1999 में देश के वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदीहरियाणा के प्रभारी हुआ करते थे।

सुधा यादव के पति सुखबीर सिंह यादव बीएसएफ थे

सुधा यादव के पति सुखबीर सिंह यादव बीएसएफ थे और कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए थे। बीजेपी ने 1999 में महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से टिकट दिया। सुधा यादव ने कांग्रेस के दिग्गज नेता राव इंद्रजीत सिंह को हरा दिया। पहले तो चुनाव लड़ने से मना किया, फिर मोदी के फोन करने पर मान गईं।

सुधा यादव हरियाणा की रेवाड़ी की रहने वाली हैं। वह इस समय बीजेपी की सचिव हैं। सुधा ने 1987 में रुड़की विवि से स्नातक किया है। जिसे अब आईआईटी के नाम से जाना जाता है। सुधा यादव सुषमा स्वराज की जगह शामिल हुईं हैं। जो अब इस दुनिया में नहीं है।

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता सुधा यादव ने पार्टी के संसदीय बोर्ड में उन्हें शामिल किए जाने पर बुधवार को भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद दिया और कहा कि वह उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगी। पूर्व सांसद एवं 57 वर्षीय सुधा ने कहा कि वह पिछले दो दशकों से पूरे समर्पण भाव से पार्टी के लिए काम कर रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को धन्यवाद

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘पार्टी ने मुझ पर विश्वास जताया है, मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगी।’’ हरियाणा में भाजपा नीत सरकार के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए सुधा ने कहा, ‘‘वह (राज्य सरकार) पिछले करीब आठ साल से अच्छा काम कर रही है और राज्य में समतापूर्ण विकास कर रही है।’’ वहीं, एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने इस बात को याद किया कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।

सुधा ने पूर्व में कहा था कि मोदी ने 1999 में उनके चुनाव प्रचार के लिए 11 रुपये दान में दिए थे और पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मदद करने की अपील की थी। उन्होंने बताया कि इस आह्वान के आधे घंटे के भीतर 7.5 लाख रुपये जमा हो गए थे। सुधा ने 1999 में महेन्द्रगढ़ संसदीय सीट पर चुनाव जीता था। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार राव इन्द्रजीत सिंह को हराया था। सिंह 2014 में भाजपा में शामिल हो गए।

संसदीय बोर्ड और सीईसी में अब कोई भी पद खाली नहीं

 2004 और 2009 में यादव को हार का सामना करना पड़ा था। 2015 में बीजेपी ने ओबीसी मोर्चा का प्रभारी नियुक्ति किया था। सुधा यादव ने राजनीति में खुद अपना मुकाम बनाया है, जिनके पति करगिल के युद्ध में शहीद हो गए थे। इन बदलावों के बाद बाद संसदीय बोर्ड और सीईसी में अब कोई भी पद खाली नहीं है।

वर्ष 2020 में भाजपा का अध्यक्ष बनने के बाद नड्डा ने पहली बार इनमें परिवर्तन किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और सुषमा स्वराज के निधन तथा एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति और थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बन जाने के बाद से संसदीय बोर्ड में कई रिक्तियां थीं।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि संसदीय बोर्ड में जगह देकर पुराने कार्यकर्ताओं और उनके अनुभवों का सम्मान करते हुए उन्हें ‘‘पुरस्कृत’’ किया गया है। उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा, जटिया और लक्ष्मण ने पार्टी के लिए अपना जीवन खपा दिया और पार्टी के उभार में अहम योगदान दिया है।

पंजाब के सिख नेता इकबाल सिंह लालपुरा सहित छह नए चेहरों को शामिल किया

पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘‘इन बदलावों में विविधता पर भी जोर दिया गया है। सोनोवाल पूर्वोत्तर से हैं तो येदियुरप्पा और लक्ष्मण दक्षिण से हैं। लालपुरा के रूप में सिख समुदाय का भी इसमें प्रतिनिधित्व है।’’ नवगठित संसदीय बोर्ड में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और पंजाब के सिख नेता इकबाल सिंह लालपुरा सहित छह नए चेहरों को शामिल किया गया है।

पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष पहले से ही संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं। संतोष संसदीय बोर्ड के सचिव हैं। भाजपा संविधान के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष के अलावा 10 अन्य संसदीय बोर्ड के सदस्य हो सकते हैं। पार्टी का अध्यक्ष संसदीय बोर्ड का भी अध्यक्ष होता है।

नवगठित संसदीय बोर्ड में अब कोई मुख्यमंत्री नहीं है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पार्टी की इस शीर्ष इकाई में शामिल किए जाने की लंबे समय से अटकलें थी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव को भी संसदीय बोर्ड में शामिल जाने की अटकलें लंबे समय से थी। हालांकि यादव को सीईसी में जगह जरूर मिली है।

संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन में भाजपा ने सामाजिक और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का भी खासा ख्याल रखा है। भाजपा संसदीय बोर्ड में जगह बनाने वाले लालपुरा पहले सिख नेता हैं। वह इसमें अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे। सोनोवाल पूर्वोत्तर भारत से ताल्लुक रखने वाले पहले आदिवासी नेता हैं, जिन्हें भाजपा संसदीय बोर्ड में जगह दी गई है।

संसदीय बोर्ड में दक्षिण से दो नेताओं को जगह दी गई

महिलाओं के प्रतिनिधि के तौर पर सुधा यादव को इसमें शामिल किया गया है जबकि के लक्ष्मण ओबीसी समुदाय से आते हैं और वह तेलंगाना से ताल्लुक रखते हैं। येदियुरप्पा कर्नाटक से हैं और वह वहां के प्रभावी लिंगायत समुदाय से आते हैं। इस प्रकार से संसदीय बोर्ड में दक्षिण से दो नेताओं को जगह दी गई है।

कर्नाटक और तेलंगाना में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। येदियुरप्पा और जटिया 75 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। ज्ञात हो कि पार्टी ने नेताओं को पार्टी संगठन व सरकारों में शामिल नहीं करने की अनौपचारिक उम्र सीमा 75 वर्ष तय की है। इसी के तहत येदियुरप्पा की जगह पार्टी ने कर्नाटक में बसवराज बोम्मई को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया था।

केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन शामिल

भाजपा ने केंद्रीय चुनाव समिति से जिन नेताओं को हटाया है उनमें गडकरी और चौहान के अलावा केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन शामिल हैं। नयी सीईसी में संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों के अलावा भूपेंद्र यादव, फड़नवीस और ओम माथुर को जगह दी गई है।

महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले दिनों हुए उलटफेर के इनाम के तौर पर फड़नवीस को सीईसी में जगह दी गई है। शिवसेना के बागी नेताओं के साथ मिलकर उन्होंने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाआघाड़ी की सरकार को हटाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उन्होंने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के कहने के बाद उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार किया था जबकि वह पूर्व में राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष होने के नाते वनथी श्रीनिवासन केंद्रीय चुनाव समिति की पदेन सदस्य होंगी। उनसे पहले विजया रहातकर महिला मोर्चा की अध्यक्ष होने की वजह से सीईसी की पदेन सदस्य थीं। रहातकर की जगह श्रीनिवासन को 2022 में महिला मोर्चा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

(इनपुट एजेंसी)

Web Title: BJP Sudha Yadav who is parliamentary board election committee sushma swaraj haryana Studied Roorkee husband martyrdom in Kargil war 

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे