औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर किया जाएः भाजपा, बालासाहेब ठाकरे ने 30 साल पहले मांग की थी
By भाषा | Updated: December 21, 2019 20:23 IST2019-12-21T20:21:48+5:302019-12-21T20:23:07+5:30
एएमसी में भाजपा के समूह के नेता प्रमोद राठौड़ ने कहा, "हमने महापौर से औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने के लिये एएमसी की आमसभा में नया प्रस्ताव पेश करने का अनुरोध किया है।" उन्होंने कहा, "शिवसेना सुप्रीमो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने ही लगभग 30 साल पहले औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने का विचार रखा था।

भाजपा की मांग पर महापौर ने कहा, "इस संबंध में पहले एक बार एएमसी में प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे सरकार के पास भेज दिया गया था।"
भाजपा ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर संभाजीनगर करने की मांग की है। पार्टी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को इस संबंध में औरंगाबाद नगर निगम (एएमसी) के महापौर नंदकुमार गोडेले से मुलाकात कर उनके सामने यह मांग रखी।
दिलचस्प बात यह है कि शिवसेना ने दशकों पहले यह मांग की थी। इस संबंध में जून 1995 में एएमसी की आम सभा में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था। हालांकि उस समय कांग्रेस पार्षद मुश्ताक अहमद ने प्रस्ताव को बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में चुनौती दे दी थी।
उच्च न्यायालय से याचिका खारिज होने के बाद अहमद ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था, जिसने शहर का नाम बदलने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। एएमसी में भाजपा के समूह के नेता प्रमोद राठौड़ और पार्टी के अन्य नेताओं ने गोडेले से मुलाकात कर इस संबंध में नगर निगम में नया प्रस्ताव पेश करने का आग्रह किया।
राठौड़ ने कहा, "हमने महापौर से औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने के लिये एएमसी की आमसभा में नया प्रस्ताव पेश करने का अनुरोध किया है।" उन्होंने कहा, "शिवसेना सुप्रीमो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने ही लगभग 30 साल पहले औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करने का विचार रखा था।
उनके बेटे उद्धव ठाकरे अब राज्य के मुख्यमंत्री हैं, लिहाजा उनके पास अपने पिता का सपना पूरा करने का मौका है।" भाजपा की मांग पर महापौर ने कहा, "इस संबंध में पहले एक बार एएमसी में प्रस्ताव पारित किया गया था, जिसे सरकार के पास भेज दिया गया था।"
उन्होंने कहा, "लिहाजा भाजपा सदस्यों को अपने नेताओं से पूछना चाहिये कि जब पांच साल तक देवेन्द्र फड़नवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे तब इसे क्यों लागू नहीं किया गया। यह कुछ नहीं केवल एक राजनीतिक हथकंडा है।"