Electoral Bond Data: चुनाव आयोग ने रविवार को चुनावी बॉन्ड के संबंध में ताजा डेटा जारी किया, जिसे उसने पहले सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था और बाद में जनता के सामने खुलासा करने का निर्देश दिया गया था। माना जा रहा है कि ये विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की समय सीमा से संबंधित हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि इस तिथि के बाद के चुनावी बॉन्ड की जानकारी पिछले सप्ताह चुनावी निकाय द्वारा जारी की गई थी। पोल पैनल ने एक बयान में उल्लेख किया कि 12 अप्रैल, 2019 के सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद, राजनीतिक दलों ने सीलबंद लिफाफे में चुनावी बॉन्ड पर डेटा जमा किया।
वहीं चुनाव आयोग ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी को कुल चुनावी चंदे के रूप में कुल 6,986.5 रुपए के बॉन्ड प्राप्त हुए, जो कि सबसे ज्यादा साल 2019-20 में 2,555 करोड़ रुपए के रहे हैं। इसके अलावा आंकड़ों में ये भी सामने निकल कर आया कि डीएमके (DMK) को 656.5 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले, जिसमें 509 करोड़ रुपए लॉटरी किंग फ्युचर गेमिंग के जरिए पार्टी को प्राप्त हुए। इसमें से 37 फीसदी का चुनावी बॉन्ड एक कंपनी द्वारा ही प्राप्त हुआ।
DMK, TMC को मिले चुनावी बॉन्डचुनावी चंदे के रूप में द्रमुक को मेघा इंजीनियरिंग से 105 करोड़ रुपए, इंडिया सीमेंट को 14 करोड़ रुपए और सन टीवी से 100 करोड़ रुपए चुनावी बॉन्ड के रूप में मिले। दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस को 1,397 करोड़ रुपए के तौर पर चुनावी बॉन्ड के जरिए प्राप्त हुए। इसके साथ ही बता दें कि चुनावी चंदा पाने में टीएमसी भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर है।
कांग्रेस, BJD, BRS, SP की रिपोर्टआंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कुल 1,334.35 करोड़ रुपये भुनाए। बीजू जनता दल (बीजेडी) ने 944.5 करोड़ रुपये के चुनावी बांड भुनाए, जबकि वाईएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने क्रमशः 442.8 करोड़ रुपये और 181.35 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए।
बीआरएस चुनावी बॉन्ड के माध्यम से चौथा सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता बनकर उभरा है, जिसके पास 1,322 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए गए हैं। समाजवादी पार्टी को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 14.05 करोड़ रुपये मिले, जबकि अकाली दल, एआईएडीएमके और नेशनल कॉन्फ्रेंस को 7.26 करोड़ रुपये, 6.05 करोड़ रुपये और 50 लाख रुपये मिले।
CPI(M), BSP, AIMIMसीपीआई (एम) ने घोषणा की है कि उसे चुनावी बॉन्ड के माध्यम से धन प्राप्त नहीं होगा, जबकि एआईएमआईएम और बीएसपी द्वारा की गई फाइलिंग में शून्य रसीदें दिखाई गईं।