पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के भाटपारा इलाके में लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद से कई दफा हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं। हाल की हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और करीब दर्जन भर लोग घायल हो गए। जिन लोगों की मौत हुई है वे बीजेपी से संबंधित बताए जा रहे हैं। राजनीतिक उथल-पुथल है ही, लिहाज ने बीजेपी ने तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल गठित कर हालात का जायजा लेने के लिए उसे बंगाल भेजा है।
बीजेपी के इस तीन सदस्यीय दल में एसएस अहलूवालिया, सत्यपाल सिंह और वीडी राम शामिल हैं। दल का नेतृत्व एसएस अहलूवालिया करेंगे। उन्होंने मीडिया से कहा, ''भाटपारा में जो हिंसा घटी, उससे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बेहद दुखी हैं। ऐसी घटनाएं केवल पश्चिम बंगाल में हो रही हैं। हम संबंधित लोगों से बात करेंगे और गृहमंत्री जी को रिपोर्ट सौंप देंगे।''
बता दें कि भाटपारा के जिस हिस्से में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हुई, वहां पुलिस और सैन्य बल को तैनात किया गया है। धारा-144 लगाई गई है। हालांकि कथित बीजेपी कार्यकर्ताओं ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए शुक्रवार (21 जून) को हिंसा में मारे गए लोगों के शवों के साथ रैली निकाली थी।
ऐसे हालात में बीजेपी के तीन सदस्यीय दल के दौरे को ममता बनर्जी सरकार में मंत्री और तृणमूल कांग्रेस जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रिय मलिक ने आग में घी डालने वाला काम बताया। उन्होंने बीजेपी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए मीडिया से कहा कि उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे बीजेपी के मंसूबे सफल न होने दें।
वहीं, भाटपारा हिंसा की निंदा राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने भी की है और कहा कि भाटपारा ही नहीं, राज्य के किसी भी इलाके में ऐसी घटनाएं न हों, यह सुनिश्चित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि वह हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने कहा की कार्रवाई के दौरान यह न देखा जाए कि वह किस पार्टी से है। दोषी को सजा मिलनी चाहिए।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक पहले तृणमूल कांग्रेस में रहे और फिर लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का पाला पकड़ने वाले पूर्व विधायक अर्जुन सिंह के बैरकपुर से सांसद बनने के बाद से हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। अर्जुन सिंह पर आरोप लग रहा है कि वह तृणमूल कांग्रेस के लोगों में फूट डालने का काम कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद कई टीएमसी नेता बीजेपी में शामिल हो गए। जोकि अर्जुन सिंह द्वारा डाली गई कथित फूट का नतीजा है।