लखनऊ: उत्तर प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ा उलटफेर करते हुए राजेश्वर सिंह को ईडी से वीआरएस की मंजूरी मिलने के तुरंत बाद लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से विधानसभा का टिकट दे दिया है।
इस तरह से योगी सरकार की मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह का पत्ता काटते हुए यह तुरुप की चाल चल दी है, जिससे समाजवादी पार्टी की रणनीति चारों खाने चित्त हो जाए।
बीजेपी ने चौथे चरण के चुनाव में शामिल जिन 17 प्रत्याशियों को टिकट दिया है। उनमें मंत्री स्वाति सिंह का नाम गायब है। प्रमुख प्रत्याशियों में बीजेपी ने लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से ईडी के पूर्व संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है।
वहीं इसके साथ ही लखनऊ पश्चिम से अंजनी श्रीवास्तव, लखनऊ कैंट से बृजेश पाठक, लखनऊ उत्तर नीरज बोरा, लखनऊ मध्य से रजनीश गुप्ता और लखनऊ पूर्व से आशुतोष टंडन को टिकट दिया है।
मालूम हो कि लखनऊ से बीजेपी के कुल दो टिकटों के कटने की कयासबाजी पहले से चल रही थी। इसमें से एक थी सरोजनी नगर सीट से स्वाति सिंह की सीट और दूसरी थी लखनऊ पूर्व की सीट, जिस पर दिवंगत लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन लड़ते हैं।
दरअसल कहा यह जा रहा था कि सरोजनी नगर सीट से मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह दोनों एक साथ दावेदारी पेश कर रहे थे। जिसके कारण बीजेपी आलाकमान भारी पशोपेश में पड़ा था।
वहीं लखनऊ पूर्व से योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन के बारे में इसलिए टिकट कटने की संभावना व्यक्त की जा रही थी, क्योंकि उनकी बहु ने पत्र लिखकर सीएम आदित्यानथ और पीएम नरेंद्र मोदी को दहेज प्रताणना की शिकायत दर्ज कराई थी।
लेकिन बीजेपी हाईकमान ने देर शाम चौथे चरण की लिस्ट जारी करके सारी शंकाओं का पटाक्षेप कर दिया है। मंत्री आशुतोष टंडन तो अपनी सीट पर टिकट पाने में सफल रहे लेकिन मंत्री स्वाति सिंह को पति दयांशकर सिंह के कारण मायूसी मिली है।
अब देखना यह है कि बीजेपी हाईकमान मंत्री स्वाति सिंह को संतुष्ट करने के लिए किसी और सीट से टिकट देता है या फिर वो चुनावी मैदान से बाहर अपने पति दयाशंकर सिंह के साथ बीजेपी की नैया पार लगाने में मदद करती हैं।