लखनऊ: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए प्रशासन द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई से पर समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई पर हमला बोलते हुए कहा है कि सूबे की सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बसे-बसाए घरों को गिराकर सुख पाती है। घर गिराना राजनीतिक क्रूरता की हद है। गिरते घर के साथ भाजपा और भी नीचे गिर जाती है। भाजपा की सरकार ने फर्रुखाबाद में कई लोगों को बेघर कर दिया है।
अखिलेश और सपा नेताओं का कथन
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा मुखिया अखिलेश यादव ने फर्रुखाबाद की बुलडोजर कार्रवाई को प्रतिशोध से भरी भाजपाई राजनीति का वीभत्स चेहरा बताया है। फर्रुखाबाद प्रशासन के इस एक्शन पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, फर्रुखाबाद के अमृतपुर के उखरा गांव में सालों से बसे 25 गरीब परिवारों के घरों पर बुलडोजर चलाकर भाजपा ने न जाने कितने बड़े-बूढ़ों, बीमारों, बच्चों, माताओं, बहनों, बेटियों को भरी बरसात में बेघर कर दिया है। यह राजनीतिक क्रूरता की हद है।
अखिलेश यादव के इस कथन के बाद सपा के अन्य नेताओं ने भी योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई की कड़ी निंदा की। सपा के प्रवक्ता एवं पूर्व एमएलसी सुनील साजन ने कहा है कि बुलडोजर के एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसके बाद भी सूबे की सरकार बुलडोजर से गरीबों के घर गिराने को अपनी शान मान कर कार्रवाई कर रही है। जनता इसका जवाब देगी। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर पर ही नहीं बल्कि बुलडोजर का दुरुपयोग करने वालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है। एक अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट बुलडोजर के एक्शन को लेकर हो रहे सुनवाई के दौरान इस मामले में कड़ा फैसला भी सुनाएगा, ताकि कोई सरकार किसी गरीब के घर को बुलडोजर से गिराने की हिम्मत ना करे।
पुलिस का जवाब
सपा के इस हमले के बाद सूबे की सरकार भी हरकत में आई, जिसके चलते उच्च स्तर पर हुए विचार विमर्श के बाद अखिलेश यादव की पोस्ट पर प्रदेश की पुलिस ने जवाब दिया। पुलिस ने अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है और सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि गांव ऊखरा और कर्णपुर मजरा बांसमई में लोगों ने अवैध निर्माण कर रखा था।
इस जगह पर ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-2 योजना के तहत 400, 200 और 132 केवी उपकेंद्र का निर्माण होना है। इसी जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था, जिसे एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सदर और राजस्व विभाग के अफसरों के साथ पुलिस की मौजूदगी में मुक्त कराया गया है।