भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड घोटाले को लेकर केजरीवाल के खिलाफ की एफआईआर की मांग, जानें क्या है मामला
By मनाली रस्तोगी | Published: November 14, 2022 12:55 PM2022-11-14T12:55:53+5:302022-11-14T12:57:03+5:30
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) घोटाले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले भाजपा ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) घोटाले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। सोमवार को मीडिया से बात करते हुए दिल्ली के नेता प्रतिपक्ष रामवीर बिधूड़ी ने दावा किया कि घोटाला केजरीवाल की निगरानी में हुआ था।
यह कहते हुए कि यह घोटाला 200 करोड़ रुपये से अधिक का है, भाजपा नेता रामवीर बिधूड़ी ने आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर 2018 में अनियमितताओं के उजागर होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 2015 में आप के पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आने के बाद डीजेबी को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा।
बिधूड़ी ने कहा, "दिल्ली जल बोर्ड घोटाला तब हुआ जब अरविंद केजरीवाल जल बोर्ड के अध्यक्ष थे। मैं दिल्ली के माननीय एलजी से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आग्रह करना चाहता हूं। खाते सील किए जाने चाहिए। मेरा मानना है कि यह घोटाला सिर्फ 20 करोड़ रुपये का नहीं है। यह घोटाला 200 करोड़ रुपये से अधिक का है।"
उन्होंने आगे कहा, "जल बोर्ड ने 2015 से 2016 तक बैलेंस शीट तैयार नहीं की। कैग ने सरकार को 22 पत्र लिखकर जल बोर्ड के खातों का ब्योरा मांगा। इसके बाद भी खाते का ब्योरा नहीं दिया। अरविंद केजरीवाल को इसका जवाब देना चाहिए। आज की तारीख में दिल्ली जेल बोर्ड को 57,000 करोड़ रुपये का घाटा है। 2015 में जब अरविंद केजरीवाल की सरकार चुनी गई तो जेल बोर्ड को 700 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।"
बिधूड़ी ने ये भी कहा, "कॉरपोरेशन बैंक ऑफ इंडिया के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके तहत वह पानी के बिल जमा करेगा और उसे प्रति बिल 5 रुपये का कमीशन दिया जाएगा। 2018 में यह बात सामने आई कि कॉरपोरेशन बैंक ने 24 घंटे के भीतर जल बोर्ड के खाते में पैसा जमा करने की बजाय फर्जी खातों में जमा करा दिया। अरविंद केजरीवाल ने न केवल एफआईआर दर्ज की बल्कि कॉर्पोरेशन बैंक के साथ अनुबंध को दो साल के लिए बढ़ा दिया और कमीशन को 5 रुपये से बढ़ाकर 6 कर दिया।"
इससे पहले सितंबर में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को 20 करोड़ रुपये के कथित गबन के लिए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। उनके कार्यालय से सामने आए एक बयान में कहा गया, "दिल्ली जल बोर्ड को भारी वित्तीय नुकसान के रूप में भ्रष्टाचार के एक स्पष्ट मामले में, व्यक्तियों से पानी के बिल के रूप में एकत्र की गई 20 करोड़ रुपये से अधिक की नकद राशि कई वर्षों तक दिल्ली जल बोर्ड के बैंक खाते के बजाय एक निजी बैंक खाते में चली गई।"