भाजपा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के निर्णय के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की

By भाषा | Updated: January 28, 2021 21:39 IST2021-01-28T21:39:14+5:302021-01-28T21:39:14+5:30

BJP criticizes opposition parties for boycotting President's address | भाजपा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के निर्णय के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की

भाजपा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के निर्णय के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की

नयी दिल्ली, 28 जनवरी संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का विपक्षी पार्टियों द्वारा बहिष्कार करने के निर्णय की आलोचना करते हुए भाजपा ने बृहस्पतिवार को उन पर "संवैधानिक और नैतिक रूप से दिवालिया" होने का आरोप लगाया।

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि अगर ये पार्टियां समझती हैं कि उनके सामूहिक दबाव के कारण मोदी सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस ले लेगी तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि उनमें इस क्षमता की कमी है और यह सरकार सिर्फ लोगों के आगे झुकती है।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाटिया ने अभिभाषण का बहिष्कार करने के विपक्षी पार्टियों के फैसले पर प्रहार करते हुए कहा कि वे तो संसद का सत्र बुलाए जाने की मांग कर रही थीं।

संसद का बजट सत्र शुरू होने से एक दिन पहले कांग्रेस के नेतृत्व में राकांपा, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों ने बृहस्पतिवार को फैसला किया कि वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए संसद के बजट सत्र में पहले दिन दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इन सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने संसद के पिछले सत्र में इन कानूनों के पारित होने से पहले अपनी बात रखी थी। भाटिया ने उनकी इस दलील को खारिज किया कि सरकार ने ये कानून बिना सलाह मशविरे के जबरन पारित कराए हैं।

भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने (विपक्षी दलों ने) अपने इस फैसले से दिखा दिया है कि वे संवैधानिक रूप से और नैतिक रूप से दिवालिया हो गए हैं।

भाटिया ने कहा कि शिवसेना जैसी पार्टियों ने संसद में पहले इन कानूनों का समर्थन किया था और फिर "यू टर्न" ले लिया। ऐसा ही शिरोमणि अकाली दल ने भी किया।

भाजपा प्रवक्ता ने, प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में जिस तरह की "अराजकता" फैलाई और राष्ट्रीय ध्वज का "अपमान" किया, उसकी " निंदा" नहीं करने के लिए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे विपक्षी दलों पर हमला बोला।

कुछ विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने हिंसा को नामंजूर किया है लेकिन आरोप लगाया कि किसानों की मांग पर सरकार द्वारा ध्यान नहीं देना इसका कारण है।

भाटिया ने कहा कि इस सरकार ने बहुत लचीलापन दिखाया है और किसान संघों के नेताओं से खुले दिमाग से बात की है।

उन्होंने स्थिति से निपटने में दिल्ली पुलिस द्वारा संयम बरतने के लिए उसकी प्रशंसा की।

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Web Title: BJP criticizes opposition parties for boycotting President's address

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