बीजद जाति आधारित जनगणना की मांग के साथ आंदोलन शुरू करेगा
By भाषा | Published: August 24, 2021 10:22 PM2021-08-24T22:22:16+5:302021-08-24T22:22:16+5:30
ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) ने मंगलवार को जाति-आधारित जनगणना की मांग को लेकर एक व्यापक आंदोलन शुरू करने की योजना की घोषणा की। इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जाति-आधारित जनगणना की मांग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। बीजद के दो वरिष्ठ मंत्रियों - आरपी स्वैन और एके साहू ने कहा कि जाति आधारित जनगणना की मांग को लेकर पार्टी के कार्यकर्ता गांव स्तर से राष्ट्रीय राजधानी तक आंदोलन करेंगे। उन्होंने दावा किया कि जाति आधारित जनगणना से अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को न्याय मिलेगा। राज्य की आबादी में लगभग 54 प्रतिशत हिस्सा ओबीसी का है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाला क्षेत्रीय दल लंबे समय से जाति आधारित जनगणना और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग करता रहा है। इससे पहले केंद्र ने इस मांग को खारिज कर दिया था। वरिष्ठ बीजद नेता और राज्य के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री स्वैन ने कहा, "इस जनगणना से केवल ओडिशा को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को मदद मिलेगी।" उन्होंने कहा कि कि जब तक तटीय राज्य में ओबीसी या सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) के लोगों की संख्या के उचित आंकड़े नहीं मिलते, तब तक ओबीसी के लिए कल्याणकारी योजनाएं तैयार करना मुश्किल है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित सभी राजनीतिक दलों से जाति-आधारित जनगणना के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आह्वान में शामिल होने को कहा। राज्य के कृषि मंत्री एके साहू ने कहा कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने और जाति आधारित जनगणना की मांग एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने आरोप लगाया, "भाजपा इस मुद्दे पर मुंह नहीं खोल रही है।’’ बीजद ने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की भी मांग की।
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