लिंचिंग के खिलाफ बंगाल विधानसभा में विधेयक पारित, अपराध करने पर तीन साल कारावास से लेकर आजीवन कैद तक का प्रावधान

By भाषा | Published: August 30, 2019 06:33 PM2019-08-30T18:33:15+5:302019-08-30T18:33:15+5:30

विधेयक में कहा गया है कि यदि ऐसी मारपीट में पीड़ित व्यक्ति की जान चली जाती है तो इसके जिम्मेदार व्यक्तियों को मृत्युदंड या आजीवन सश्रम कारावास और पांच लाख तक जुर्माना हो सकता है। 

Bill passed in Bengal Legislative Assembly against lynchings, provision of three years imprisonment for life imprisonment for life. | लिंचिंग के खिलाफ बंगाल विधानसभा में विधेयक पारित, अपराध करने पर तीन साल कारावास से लेकर आजीवन कैद तक का प्रावधान

उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार को उसके विरुद्ध कानून लाना चाहिए। चूंकि उसने अबतक ऐसा किया नहीं है।

Highlightsविधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन में कहा, ‘‘ लिंचिंग एक सामाजिक बुराई है।उच्चतम न्यायालय ने लिंचिंग के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने भीड़ द्वारा हमला करने और लिंचिंग (पीटकर हत्या) करने की घटनाओं की रोकथाम के लिए शुक्रवार को एक विधेयक पारित किया। इन्हें अपराध की श्रेणी में डाला गया है।

शुक्रवार को सदन में पश्चिम बंगाल (लिंचिंग रोकथाम) विधेयक पेश किया गया । विपक्षी माकपा और कांग्रेस ने उसका समर्थन किया। मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी भाजपा ने इस विधेयक का न तो समर्थन किया और न ही विरोध क्योंकि उसे लगता है कि इस कानून का उपयोग राजनीतिक तौर पर फायदा उठाने के लिए किया जा सकता है।

विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन में कहा, ‘‘ लिंचिंग एक सामाजिक बुराई है और हम सभी को उसके खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। उच्चतम न्यायालय ने लिंचिंग के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार को उसके विरुद्ध कानून लाना चाहिए। चूंकि उसने अबतक ऐसा किया नहीं है। इसलिए हम इस सामाजिक बुराई के खिलाफ संघर्ष के लिए अपने राज्य में यह कानून ला रहे हैं।’’ इस विधेयक का उद्देश्य लिंचिंग की चपेट में आने वाले व्यक्तियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना और लिंचिंग की घटनाएं रोकना है।

इसमें ऐसे अपराध को करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव है। इस कानून में मारपीट और पीड़ित को घायल करने के अपराध पर तीन साल कारावास से लेकर आजीवन कैद तक का प्रावधान किया गया है।

विधेयक में कहा गया है कि यदि ऐसी मारपीट में पीड़ित व्यक्ति की जान चली जाती है तो इसके जिम्मेदार व्यक्तियों को मृत्युदंड या आजीवन सश्रम कारावास और पांच लाख तक जुर्माना हो सकता है। 

Web Title: Bill passed in Bengal Legislative Assembly against lynchings, provision of three years imprisonment for life imprisonment for life.

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