नई दिल्ली: भाजपा नीत गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 11 दोषियों को छूट देने के अपने फैसले का बचाव करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया। इसमें कहा गया कि दोषियों को छूट दी गई क्योंकि उन्होंने जेल में 14 साल पूरे कर लिए थे और उनका व्यवहार अच्छा पाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान लाल किले की प्राचीर से महिला सशक्तिकरण के बारे में बोलने के 15 घंटे बाद बलात्कार और हत्या के 11 दोषियों को 15 अगस्त को रिहा किया गया था। 2002 के गुजरात सांप्रदायिक दंगों के दौरान बानो का बलात्कार किया गया था और उनकी बेटी सहित उनके परिवार के कई सदस्य मारे गए थे।
बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए 2008 में 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। मगर 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने अपनी छूट नीति का पालन करते हुए उन्हें रिहा कर दिया। ऐसे में इस फैसले से देश भर में आक्रोश फैल गया जबकि राज्य सरकार ने रिहाई का बचाव किया। यही नहीं, गुजरात सरकार पर लगातार विपक्ष भी निशाना साध रहा है।