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बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर के बयान पर सियासी पारा गर्म, जदयू ने जताई नाराजगी

By एस पी सिन्हा | Updated: January 13, 2023 15:31 IST

शुक्रवार को इस मामले पर प्रेसवार्ता में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने साफ कर दिया कि उनके बयान के कारण पूरे देश में महागठबंधन की पार्टियों को लेकर हिंदू विरोधी होने की छवि प्रस्तुत हुई है। जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है।

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ठळक मुद्देअशोक चौधरी ने कहा, चंद्रशेखर के बयान में कोई सच्चाई नहीं हैराजद कोटे से बने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान का किया खंडन कहा- इससे महागठबंधन की पार्टियों को लेकर हिंदू विरोधी होने की छवि प्रस्तुत हुई

पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री  डॉ. चंद्रशेखर के द्वारा रामचरितमानस पर दिए गये बयान का सर्वत्र विरोध शुरू हो रहा है। एक ओर जहां विपक्षी दलों द्वारा उनसे माफी की मांग उठाई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष के नेतायों द्वारा इसे उनका (डॉ. चंद्रशेखर) निजी बयान बताया जा रहा है। 

शुक्रवार को इस मामले पर प्रेसवार्ता में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने साफ कर दिया कि उनके बयान के कारण पूरे देश में महागठबंधन की पार्टियों को लेकर हिंदू विरोधी होने की छवि प्रस्तुत हुई है। लोगों के बीच यह संदेश गया है कि बिहार की नीतीश सरकार हिदूओं के खिलाफ काम करती है। जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। 

अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार सभी धर्मों और उनके धर्मग्रंथों का बराबर सम्मान करते हैं। हम जानते हैं कि मुस्लिमों के लिए कुरान, ईसाईयों के लिए बाइबिल, सिख्खों के लिए गुरू ग्रंथ साहिब और हिन्दुओं के लिए रामचरित मानस जैसे ग्रथों से किस प्रकार आस्था जुड़ी है। 

उन्होंने राजद शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर को नसीहत देते हुए कहा कि आप किस चीज को कहां बता रहे हैं यह भी बहुत जरूरी है। रामचरितमानस में चौपाई है, लेकिन किस संदर्भ में कही गई है, यह भी लोगों को बताइए। इस तरीके से अगर आप रामचरितमानस की चौपाई को लोगों के बीच में रखिएगा और आप प्रदेश के शिक्षा मंत्री हैं तो नौजवानों में भ्रम पैदा होगा। 

अशोक चौधरी ने कहा कि लोगों को हजारों साल से रामचरितमानस पर विश्वास है। महर्षि वाल्मीकि ने जब लिखा था तब रामचरितमानस इतना पॉपुलर नहीं हुआ था क्योंकि उनकी भाषा कठिन थी। इसके बाद जब तुलसीदास ने उसे जन-जन तक पहुंचाया। सबसे बड़ी बात है कि रामचरितमानस में सबरी कौन था? रामचरितमानस में वो नाविक और मल्लाह कौन था? जिन्होंने भगवान राम को नदी पार कराया था। 

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह जल्दबाजी में बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस सनातन हिंदुओं का धर्मग्रंथ है। इस पर बहुत से लोगों का विश्वास है। आज भी जो हिंदू परिवार है उसके यहां सुंदरकांड, रामचरितमानस का हर दिन पाठ होता है। रामचरितमानस की चौपाई को पढ़ते हैं। इस तरह का बयान देना कहीं से उचित नहीं है। 

अशोक चौधरी ने इस दौरान राजद के बयान पर भी आश्चर्य जाहिर किया कि वह कैसे इस बयान को व्यक्तिगत विचार कह कर पल्ला झाड़ सकती है। उन्होंने कहा कि आप इसी बात को कह गए और अब यह  देशव्यापी मुद्दा बन गया है तो उन्हें चीजों को समझ कर वापस से माफी मांगना चाहिए।

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