Bihar: जदयू को संभालने के लिए क्या नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत कुमार को राजनीति में लाएंगे? अटकलों का बाजार गर्म

By एस पी सिन्हा | Updated: November 17, 2024 15:30 IST2024-11-17T15:30:41+5:302024-11-17T15:30:41+5:30

अब तक निशांत कुमार खुद को राजनीति में लाने से इंकार करते रहे हैं। लेकिन अब इसकी चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि नीतीश कुमार किसी तरह अपने बेटे को राजनीति की जिम्मेवारी संभालने के लिए मना सकते हैं।

Bihar: Will Nitish Kumar bring his son Nishant Kumar into politics to handle JDU? Speculations are rife | Bihar: जदयू को संभालने के लिए क्या नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत कुमार को राजनीति में लाएंगे? अटकलों का बाजार गर्म

Bihar: जदयू को संभालने के लिए क्या नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत कुमार को राजनीति में लाएंगे? अटकलों का बाजार गर्म

पटना: जदयू का मतलब है नीतीश कुमार। ऐसे में नीतीश कुमार के बाद जदयू के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म होने लगा है। सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा होने लगी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद जदयू की बागडोर कौन संभालेगा? इस बीच यह भी अटकलें लगाई जाने लगी है कि जदयू का नेतृत्व संभालने के लिए अपने बेटे निशांत कुमार को आगे ला सकते हैं। हालांकि अब तक निशांत कुमार खुद को राजनीति में लाने से इंकार करते रहे हैं। लेकिन अब इसकी चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि नीतीश कुमार किसी तरह अपने बेटे को राजनीति की जिम्मेवारी संभालने के लिए मना सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार जदयू को बचाने के लिए अब नीतीश कुमार के सामने यही अंतिम विकल्प है। राजनीतिक गलियारों इस बात चर्चा शुरू हो गई है कि नीतीश कुमार इस विधानसभा चुनाव में अपने बेटे को लॉन्च कर सकते हैं। दरअसल, उम्र के इस पड़ाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए सरकार और पार्टी दोनों को एक साथ संभालना मुश्किल हो गया है। यही वजह है कि उन्होंने जदयू की कमान संजय झा को सौंप रखी है। 

दूसरी ओर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लालू यादव की नजर नीतीश कुमार की पार्टी तोड़ने पर रहती है। लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने जदयू के कई नेताओं को अपने साथ मिला लिया था। अब विधानसभा चुनाव से पहले भी लालू यादव नीतीश कुमार को झटका देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। इसके संकेत भी दिखाई देने लगे हैं। 

नीतीश कुमार के करीबी नेता और समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के तेवर बागियों वाले नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार पर अफसरशाही हावी होने के आरोप लगाकर मुख्यमंत्री नीतीश को मुश्किल में डाल दिया है। ऐसे में मदन सहनी के बयान को हथियार बनाकर विपक्ष मुख्यमंत्री पर हमलावर है। 

इस बीच सियासी गलियारे में चर्चा चलने लगी है कि अगर नीतीश कुमार ने अपने बेटे निशांत कुमार को राजनीति में उतार दिया तो तेजस्वी यादव की राह कठिन हो सकती है। लालू यादव का जवाब नीतीश कुमार देते रहेंगे और तेजस्वी के युवा जोश की काट निशांत कुमार के पास होगी। 

तेजस्वी यादव 9वीं फेल हैं, जबकि निशांत कुमार अपने पिता की तरह इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल किए हुए हैं। इसका उन्हें लाभ भी मिलेगा। नीतीश कुमार हाल ही में अपने बेटे निशांत को लेकर हरियाणा गए थे। यहां निशांत ने अपनी सादगी से सभी को प्रभावित किया। जिसके बाद कुछ लोग उन्हें बिहार का भविष्य बताने लगे हैं। 

बता दें कि बिहार में दिवंगत रामविलास पासवान और लालू यादव की पार्टियों को अब उनके बेटे चला रहे हैं। वहीं नीतीश कुमार ने अभी तक समाजवाद का झंडा बुलंद कर रखा है। ऐसे में अब सभी की निगाहें नीतीश कुमार के अगले कदम की ओर जा टिकी है।

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