पटनाः बिहार में मतदाता सूची के चल रहे पुनरीक्षण कार्य को लेकर विपक्ष के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर करारा जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री एवं हम के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा कि हम जानते हैं कि किन-किन क्षेत्रों में बोगस वोटर बने हैं, कहीं 25 हज़ार तो कहीं 30 हज़ार तक। जब ऐसे फर्जी नाम हटेंगे तो डर तो उन्हीं को होगा जो गलत हैं। अगर विपक्ष के पास सच है, तो डर क्यों? तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए मांझी ने कहा कि तेजस्वी कहते हैं कि वे कलम बांट रहे हैं, जबकि वे असल में तलवार बांट रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता लाठी में तेल डालने का काम करते थे, तेजस्वी को उनके नक्शे-कदम पर चलना चाहिए। तेजस्वी की 20 महीने की सत्ता मांग को मांझी ने खारिज करते हुए कहा कि यह मांग गलत है, उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है।
मांझी ने कहा कि तेजस्वी के पिता के शासनकाल में जंगलराज था, जिसे बिहार की जनता भलीभांति जानती है। आज भी राजद के लोग 70 फीसदी ज़मीन पर कब्जा जमाए हुए हैं और राज्य में हो रहे अधिकांश अपराध बलात्कार और हत्या के पीछे इन्हीं के लोग हैं। अगर इन्हें 10 महीने भी सत्ता मिल गई तो बिहार की स्थिति और भी खराब हो जाएगी।
बिहार में एनआरसी लागू करने की ओवैसी की मांग पर मांझी ने कहा कि उनके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। वहीं चिराग पासवान के सम्मेलन आयोजन और ‘स्वाभिमान के साथ समझौते’ की बात पर मांझी ने कहा कि वह एनडीए को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
सीट शेयरिंग का फैसला एनडीए नेतृत्व करेगा। पश्चिम बंगाल में महिला के साथ बलात्कार की घटना पर मांझी ने कहा कि वहां कानून-व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ चुकी है। ममता बनर्जी को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।