पटना:बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है। तेजस्वी ने सोशल मीडिया के एक्स पर लिखा है कि सत्ता संरक्षण में हुए नौबतपुर हत्याकांड के पीड़ित परिजनों से मिलने एम्स पटना पहुंचा। पार्टी की तरफ से पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी। बेसुध भ्रष्ट सरकार से अपराधियों को सजा दिलाने की अपेक्षा करना ही अब बेकार है।
उन्होंने आगे लिखा है कि बिहार पुलिस की अपराध के मामलों में दोषसिद्धि दर सबसे कम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अधीन बिहार पुलिस अपराधी की आपराधिक पृष्ठभूमि की बजाय उनकी क्रय शक्ति को अधिक तवज्जो देती है। इसी का प्रतिफल है कि तस्कर, शराब माफिया और अपराधी वरीय अधिकारियों के बिजनेस पार्टनर बने हुए है।
तेजस्वी यादव ने आगे लिखा है कि डीके टैक्स के कारण प्रदेश में क़ाबिल अधिकारियों की बजाय भ्रष्ट, नकारा, अक्षम और अयोग्य अधिकारियों की पोस्टिंग की जाती है। अचेत मुख्यमंत्री के कारण बिहार के थानों में व्याप्त रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है।
एनडीए के स्वार्थी निष्क्रिय सहयोगी दल अपराधियों के इस रामराज्य वाले इस तांडव पर जश्न मना रहे है क्योंकि कोठी-बंगला और सुरक्षा ही उनकी राजनीति का प्रथम और अंतिम उद्देश्य है। इसके पहले तेजस्वी यादव ने बिहार में पुलिस जवानों पर हो रहे हमलों और बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बिहार की कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और अब मुख्यमंत्री के हाथ से यह पूरी तरह निकल चुकी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए तेजस्वी ने कहा कि अपराध बढ़ रहे हैं, सरकार सोई हुई है और मुख्यमंत्री बेहोश हैं। नीतीश कुमार के राज में पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। अपराधी बेलगाम हैं क्योंकि सत्ता में बैठे लोग ही उन्हें संरक्षण दे रहे हैं। होली के दौरान भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री वही बोलते हैं, जो उनके इर्द-गिर्द के अधिकारी उन्हें लिखकर देते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अपराधियों के पक्ष में नियम बदले जा रहे हैं। तेजस्वी ने दावा किया कि नीतीश कुमार के शासन में सबसे ज्यादा पुलिसकर्मियों की हत्या हुई है और अब बिहार की कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
बता दें कि बिहार में हाल ही में पुलिस पर हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं। मुंगेर में शुक्रवार को दो पक्षों के झगड़े को सुलझाने गई पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस दौरान एएसआई संतोष कुमार पर कटार से कई वार किए गए, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
इससे पहले, अररिया में छापेमारी के दौरान गांव वालों के धक्का-मुक्की करने से एएसआई राजीव कुमार मल्ल घायल हो गए। हालांकि, सरकार की ओर से उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया। बिहार में लगातार बढ़ती अपराध की घटनाओं और पुलिस पर हो रहे हमलों को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही।