पटना: बिहार में चुनाव से पहले राजनीतिक उठापटक शुरू हो गया है। बर्खास्त किए गए मंत्री श्याम रजक ने सोमवार को आरजेडी का हाथ थामा है। गौरतलब है कि श्याम रजक, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) छोड़ने वाले थे, उससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री पद और पार्टी से हटा दिया था। तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्याम रजक को आरजेडी में शामिल करने का ऐलान किया। बिहार के उद्योग मंत्री और जद(यू) के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक को रविवार को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के साथ ही पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया। जद (यू) के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
श्याम रजक को JDU ने पार्टी से क्यों निकाला
सिंह ने कहा कि श्याम रजक को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया है और उन्हें छह साल के लिए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया गया है। अटकलें लगाई जा रही थीं कि रजक जद(यू) छोड़ सकते हैं क्योंकि वह अपनी पार्टी और उद्योग सचिव एस सिद्धार्थ के साथ खुश नहीं थे, जिनके साथ उनके विभाग चलाने को लेकर मतभेद थे। सूत्रों ने बताया कि जदयू पार्टी नेता अरुण मांझी को अधिक महतत्व दे रहा है, जो इन दिनों फुलवारी शरीफ विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि रजक को आशंका थी कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में जदयू उन्हें टिकट नहीं दे सकता है।
जानें कौन है श्याम रजक?
श्याम रजक बिहार की राजनीति में जाने-माने दलित चेहरा हैं। राज्य में लगभग 16 फीसदी वोटर दलित समाज से हैं। एक जमाने में आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे। उनकी और राम कृपाल की जोड़ी राम-श्याम की जोड़ी कही जाती थी। पार्टी कोई भी हो, फुलवारी से लंबे समय से श्याम रजक ही जीतते रहे हैं। करीब 25 साल और लगातार 1995 से फुलवारी के विधायक है। 2009 उपचुनाव को छोड़कर लगातार 6 बार विधानसभा चुनाव जीते।