पटनाः बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री संजय सरावगी अपने सख्त तेवर को लेकर चर्चा का विषय बन गए हैं। दरअसल, सात और आठ मई को आयोजित विभागीय प्रमंडलीय समीक्षा बैठकों से अनुपस्थित रहने वाले 52 राजस्व अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इस अप्रत्याशित कार्रवाई से विभाग में भारी हड़कंप मच गया है। इन अधिकारियों में 5 अपर समाहर्ता, 15 डीसीएलआर (उप समाहर्ता भूमि सुधार) और 32 अंचलाधिकारी (सीओ) शामिल हैं। इस बीच सरावगी ने सख्त लहजे में कहा कि अनुपस्थिति न केवल प्रशासनिक अनुशासनहीनता है, बल्कि इससे विभागीय कार्यों में भी बाधा आती है। उन्होंने बताया कि मई माह में दो चरणों में विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठकें बुलाई गई थीं। मगर 52 अधिकारी बिना कोई सूचना दिए गायब रहे।
इससे न केवल समीक्षा प्रक्रिया बाधित हुई, बल्कि कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हुए। संजय सरावगी ने साफ शब्दों में कहा कि यदि नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारियों पर प्रशासनिक कार्रवाई तय है। यह कार्रवाई विभाग में जवाबदेही और अनुशासन लाने के उद्देश्य से की जा रही है।
उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि भविष्य में बैठकों में समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें और यदि किसी कारणवश अनुपस्थिति जरूरी हो, तो उसकी पूर्व सूचना विभाग को दें। बताया जाता है कि नालंदा, बक्सर, पूर्वी चंपारण, अररिया, कटिहार, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, बेगूसराय, भोजपुर, गया, सारण, गोपालगंज जैसे जिलों के कई अधिकारी इस लापरवाही के घेरे में आए हैं।
यहां तक कि बिहार शरीफ, राजगीर, पूर्णिया, औरंगाबाद, मधेपुरा समेत कई बड़े प्रशासनिक क्षेत्रों के डीसीएलआर और अपर समाहर्ता भी इस कार्रवाई की जद में हैं। राजस्व विभाग ने अंचल स्तर से लेकर जिलों तक के कार्यों की नियमित समीक्षा और रैंकिंग प्रणाली लागू कर दी है। राज्य के 534 अंचल कार्यालयों की मासिक समीक्षा की जा रही है और कामकाज के आधार पर रैंकिंग भी जारी की जाती है।
इसके पहले भूमिहीनों को वास भूमि देने में लापरवाही बरतने और समीक्षा बैठक में गलत जानकारी देने के आरोप में मंत्री संजय सरावगी ने बगहा के अंचल अधिकारी निखिल एवं जगदीशपुर के राजस्व अधिकारी नागेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया था। मंत्री संजय सरावगी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इन दोनों अधिकारियों ने गलत जानकारी दी थी।
बता दें कि बिहार में जमीन सर्वे हो रहा है। इस बीच जमीन सर्वे का काम सही से पूरा कैसे हो, लोगों को जो समस्या आ रही है उसका कैसे समाधान हो इस संबंध में लगातार निर्णय लिए जा रहे हैं। बदलाव किए जा रहे हैं। इसी क्रम में विभाग की ओर से लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर गाज गिराई जा रही है।
इसके पहले राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रहे दिलीप जायसवाल ने भ्रष्टाचार में लिप्त और नाकाबिल 189 अंचल अधिकारियों के वेतन को रोक दिया था। इसके साथ ही 12 अंचल अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इस बीच मंत्री संजय सरावगी ने कहा कि चाहे सर्वे का काम हो या राजस्व विभाग का कोई भी काम हो।
जो हम आम जनता को सेवा देते हैं, मैंने खुला संदेश राजस्व विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारियों को दिया है कि आप अगर जनता के साथ अन्याय करेंगे, जनता के काम में देर करेंगे, भ्रष्टाचार का अगर खेल होगा तो मंत्री के कलम से कोई नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि ना मेरी नजर से कोई बचाने वाला है और ना मेरी कलम से कोई बचाने वाला है।