नई दिल्लीः बिहार में सरकार गठन से पहले जद(यू) नेता संजय झा और ललन सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा बंद कमरे में करीब तीन घंटे तक हुई बैठक में मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि बैठक में बिहार में सरकार गठन के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की तैयारियों पर चर्चा हुई, जिसमें नई सरकार में राजग के घटक दलों को मंत्री पद का आवंटन और विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार का नाम शामिल था। बिहार में राजग की नयी सरकार के गठन की प्रक्रिया सोमवार को शुरू हो गई, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और 19 नवंबर से निवर्तमान विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की।
जद (यू) प्रमुख कुमार बुधवार को फिर से राज्यपाल से मिलेंगे और राजग के अन्य सभी घटकों के समर्थन पत्र के साथ अपना इस्तीफा सौंपेंगे। जद(यू) सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार को 19 नवंबर को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे एक दिन बाद वह पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाले एक समारोह में रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
कार्यक्रम के दौरान नए मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों के भी शपथ लेने की उम्मीद है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय मंत्री शाह, राजनाथ सिंह और धर्मेंद्र प्रधान सहित राजग के कई शीर्ष नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। पिछले सप्ताह सत्तारूढ़ राजग ने विपक्षी महागठबंधन को बुरी तरह पराजित करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव में 243 सदस्यीय सदन में 202 सीट जीतकर भारी बहुमत हासिल किया। भाजपा 89 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
उसकी सहयोगी नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जद(यू) ने 85 सीट जीतीं, जबकि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19 सीट मिलीं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अगुवाई वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने पांच सीट जीतीं, जबकि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने चार सीट हासिल कीं।
विपक्षी महागठबंधन को केवल 35 सीट मिलीं। राजद को 25 सीट मिलीं, जबकि कांग्रेस को छह, भाकपा (माले) लिबरेशन को दो, माकपा और आईआईपी को एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई। दोनों मुख्य गठबंधनों के अलावा, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम ने पांच सीट जीतीं।