पटना: राष्ट्रीय जनता दल ने महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाते हुए मोदी सरकार के खिलाफ सीधी लड़ाई छेड़ दी है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीते दिनों दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में कांग्रेस के धरने-प्रदर्शन के बाद बिहार में सत्ताधारी भाजपा को महंगाई और बेरोजगारी को देशव्यापी गंभीर बताते हुए जमकर लताड़ लगाई और इसके लिए केंद्र की सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए पटना की सड़कों पर 'प्रतिरोध' मार्च निकाला।
भारी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को लेकर विरोध करने के लिए निकले तेजस्वी यादव ने पटना के सगुना मोड़ से गांधी मैदान स्थित जेपी गोलांबर तक मार्च का नेतृत्व किया। विरोध के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार की गरीब जनता के विषयों को लेकर यह मार्च निकाल रहे हैं और यह मार्च बिहार सरकार को नहीं बल्कि सीधे केंद्र को संदेश देने का करेगा कि उनकी नीतियां और राजनीति इस देश के लिए गलत है।"
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने हाल के दिनों में चल रही ईडी की छापेमारी को निशाना बनाते हुए इशारों-इशारों में कहा, "केंद्र सरकार देश की तमाम संवैधानिक संस्थाओं को अपनी कठपुतली बनाकर काम कर रहा है। विपक्ष को एजेंसियों के जरिये प्रताड़ित किया जा रहा है और वो भी ऐसे समय में जब पूरा देश भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी की भेंट चढ़ रहा है। केंद्र की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण बिहार में किसान बाढ़ और सूखे से मर रहा है लेकिन केंद्र सरकार को यह मुद्दा नहीं दिखाई देता है।”
तेजस्वी यादव की प्रतिरोध मार्च के दौरान एक बात बड़ी दिलचस्प ये रही कि पूरे बयान में उन्होंने कहीं भी राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने की कोई कोशिश नहीं की। वहीं बिहार के सियासी हलकों में यह भी कहा जा रहा है कि राजद की इस प्रतिरोध मार्च को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी मौन समर्थन है। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि आगामी कुछ दिनों में बिहार की सियासत एक बार फिर बड़ा करवट ले सकती है।
केंद्र सरकार के खिलाफ राजद की आज के प्रतिरोध मार्च को स्वंय पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने 7-सर्कुलर रोड स्थित आवास से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर तेजस्वी यादव जिस बस में बैठे उसके सारथी स्वयं उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव बने।
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने उस बस को कुछ दूरी तक चलाया, जिसमें तेजस्वी यादव सवार थे। इस तरह से तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव का साथ देकर लालू परिवार में चल रहे विवाद को विराम देने की कोशिश की। तेजस्वी यादव की अगुवाई में आयोजिक हुए विरोध मार्च में कांग्रेस, भाकपा-माले, भाकपा और माकपा सहित महागठबंधन के घटक दलों ने पूरा साथ दिया।
मालूम हो कि इससे पहलेबीते 5 अगस्त को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी ने महंगाई, जीएसटी और बेरोजगारी के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली से लेकर देश के अन्य हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था।
कांग्रेस ने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए संसद से राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च निकालने का प्रयास किया। जिसे दिल्ली पुलिस ने धारा 144 का उल्लंघन बताते हुए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और शशि थरूर सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को हिरासत में लिया था।
दिल्ली पुलिस का कहना था कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी को पहले ही बता दिया था कि वो धरना-प्रदर्शन के लिए जंतर मंतर का प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि सुरक्षा कारणों से नई दिल्ली में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर है। दिल्ली पुलिस के मना करने के बाद भी कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया और बड़ी संख्या में गिरफ्तारी दी थी।