पटनाः बिहार महागठबंधन में दरार और बढ़ गई है। सत्ताधारी महागठबंधन में वार-पलटवार का दौर जारी है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को लेकर जदयू और राजद में घमासान तेज है। बिहार के सत्ताधारी महागठबंधन में शुरू हुआ विवाद अब ट्विटर वार में बदल गया है।
राजद कोटे के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने सोमवार को ट्वीट करते हुए शिक्षित बिहार,तेजस्वी बिहार, का नारा बुलंद किया था। प्रोफेसर चंद्रशेखर के ट्वीट के जवाब में पूर्व मंत्री व जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने नया ट्वीट किया है। उन्होंने जवाब देते हुए बढ़ता बिहार, नीतीश कुमार, स्लोगन लिखा है। इसके साथ-साथ बिहार में विकास का पर्याय नीतीश कुमार को बता डाला है।
इतना ही नहीं नीरज कुमार ने ग्राफ के जरिए यह बताया है कि साल 2005 के पहले जब नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं थे तो राजद के शासनकाल में राज्य के अंदर शिक्षा की स्थिति क्या थी और आज बिहार में कितना बड़ा बदलाव आया है। नीरज कुमार ने आज ट्वीट किया है और इसमें लिखा है कि ट्विटर की नहीं..काम की सरकार। शिक्षित कुमार, शिक्षित बिहार।
नीरज कुमार ने ट्वीट में बिहार में शिक्षा के बजट का जिक्र करते हुए बताया है कि 2003-04 में शिक्षा पर सिर्फ 3.74 फीसदी खर्च होता था, 2021-22 में 19.3 फीसदी होता है। इसी तरह उच्च शिक्षा में पंजीकरण करनेवाले छात्रों के अनुपात की जानकारी देते उन्होंने पोस्ट किया है।
उन्होंने बताया है कि 2005 में उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय स्तर पर 12 फीसदी छात्र पंजीकरण कराते थे, उस समय बिहार से छह फीसदी पंजीकरण होते थे। जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा 19.3 फीसदी है। नीरज कुमार के इस ट्वीट को प्रोफेसर चन्द्रशेखर के ट्वीट के जवाब माना जा रहा है।
वहीं नीरज कुमार के ट्वीट को लेकर राजद ने मंशा पर सवाल उठाये हैं। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि ट्वीट करने वाले की क्या मंशा है वही लोग जाने। लेकिन महागठबंधन की सरकार में जो विकास कार्य हो रहे है वह पिछली एनडीए सरकार में नहीं हो रहे थे।
ऐसे में इस ट्वीटर वार से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि महागठबंधन में सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सबकुछ सामान्य होने की बात कह रहें हैं और भाजपा पर सवाल उठा रहें हैं, पर दोनो तरफ से ट्वीट बहुत कुछ संकेत दे रहा है।